किडनी बदलने के लिए सही ब्लडग्रुप के डोनर का इंतजार करना नहीं पड़ेगा। चेन्नई के एमआईओटी अस्पताल के विशेषज्ञों का दावा है कि मेल न खाने वाले ब्लडग्रुप के डोनर की किडनी भी मरीज को प्रत्यारोपित की जा सकती है। यह दावा बी ब्लडग्रुप के एक मरीज की किडनी ओ ब्लडग्रुप के मरीज से बदले जाने की प्रक्रिया के सफल रहने के बाद किया गया है। अस्पताल के संस्थापक पीवीए मोहनदास ने कहा कि इस उपलब्धि से किडनी बदलने की प्रक्रिया में क्रांति आने की उम्मीद है। इससे रक्तसंबंधियों के अलावा अन्य व्यक्तियों की किडनी भी प्रत्यारोपण के काम आ सकेगी। इसके लिए जापान में विकसित तकनीक पहली बार देश में अपनाई गई है। इसमें डबल फिल्ट्रेशन प्लाज्माफेरेसिस की मदद से एंटीबॉडीज को हटा दिया जाता है। (दैनिक भास्कर,20.6.2010)
बहुत उपयोगी जानकारी है धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय।
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इंसानों से बेहतर चिम्पांजी?
क्या आप इन्हें पहचानते हैं?
कईयों का कष्ट दूर हो जाए। अगर ये तकनीक सारे अस्पताल बांट लें। कम पैसे वालो का भी भला हो जाएगा।
जवाब देंहटाएंyeh post kal k charcha manch par hogi.
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com