अक्सर कहा जाता है कि पत्तेदार हरी सब्जियों का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। इऩकी उपयोगिता पर कोई संदेह नहीं है मगर ऐसी कई हरी पत्तेदार सब्जियां हैं जो महंगी मिलती हैं किंतु उनसे उसी अनुपात में आवश्यक तत्व प्राप्त नहीं होते।
सभी हरी पत्तेदार सब्जियों में मुख्यतः आयरन,कैल्शियम,विटामिन ए(कैरोटिन),विटामिन "सी" और "बी" काम्प्लेक्स समूह के विटामिन(खासकर रिबोफ्लेबिन और फोलिक एसिड) तथा कुछ मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। ऐसी सब्जियों को हड्डियां मज़बूत करने तथा दांतों और मसूढों को स्वस्थ रखने में सहायक माना गया है।
विटामिन "ए" का छोटे बच्चों की आंखों के लिए विशेष महत्व है। इसकी पर्याप्त मात्रा न मिले तो नेत्र-गोलक की सामान्य नमी और सफेदी गायब हो सकती है,वे शुष्क हो जाते हैं तथा सिकुड़ सकते हैं। विटामिन "ए" की कमी से रतौंधी होने की बात हम बचपन से पढते ही रहे हैं। यह जानना भी ज़रूरी है कि यदि विटामिन "ए" की कमी लंबे समय तक बनी रहे,तो कॉर्निया अंततः फट सकता है जो स्थायी अंधेपन की वजह बन जाता है। विटामिन "ए" के स्त्रोत अन्य भी हैं मगर पत्तेदार हरी सब्जी में "बीटा कैरोटिन" नामक पदार्थ होता है जो शरीर में घुलकर विटामिन "ए" में तब्दील हो जाता है।
रक्त को स्वस्थ बनाने के लिए आयरन,फोलिक एसिड,विटामिन बी,प्रोटीन और विटामिन "सी" की ज़रूरत होती है। एनीमिया का कारण आयरन की कमी ही होती है। ध्यान रहे कि यह केवल महिलाओं को होने वाला रोग नहीं है,किसी भी उम्र और लिंग का व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है। कार्य-क्षमता कम होना,जल्दी थक जाना,भूख न लगना,मामूली परिश्रम से ही सांस फूलना,चक्कर आना तथा निचली पलक,चेहरे,जीभ,ओठ और नख के आसपास की त्वचा का पीला पड़ना एनीमिया के प्रमुख लक्षण हैं। एनीमिया के कारण समय से पूर्व ही प्रसव होने,नवजात का वज़न कम होने अथवा प्रसव के दौरान ही मृत्यु हो जाने तक की संभावना रहती है। पत्तेदार हरी सब्जियों में भरपूर आयरन होता है और ऐसी सब्जियों का महज 50 ग्राम इस्तेमाल ही शरीर की आयरन संबंधी ज़रूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त होता है। ऐसी सब्जियों में विटामिन "सी" आयरन के अवशोषण में सहायक होता है। यह एक रोचक तथ्य है कि कई महंगे फलों और सब्जियों की तुलना में,पत्तेदार हरी सब्जियों में विटामिन "ए" (जैसे कैरोटिन) और आयरन की मात्रा कहीं ज्यादा होती है।
यह भी एक तथ्य है कि पत्तेदार सब्जियों से जो रेशा प्राप्त होता है वह भोजन को अच्छी तरह पचाने में सहायक होता है तथा कैंसर को भी रोकता है। हरी और पीली सब्जियों में पाया जाने वाला कैरोटिन एक कारगर एंटी-ऑक्सीडेंट होता है और मधुमेह,उच्च रक्तचाप,हृदय तथा धमनी संबंधी रोगों की रोकथाम में सहायक होता है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के खाद्य तथा पोषाहार बोर्ड ने हरी पत्तेदार सब्जियों की पौष्टिकता को संरक्षित करने के लिए कई उपाय बताए हैं। बोर्ड का सुझाव है कि अगर इनका इस्तेमाल सलाद के रूप में करना हो,तो काटने से पहले अच्छी तरह धो लें। पकाने के लिए पानी का कम से कम इस्तेमाल करें। जिस पानी में ऐसी सब्जी पकाई गई हो,उस पानी को फेंकने की बजाए उसका उपयोग दाल और सूप बनाने या आटा गूंथने में करें। पत्तेदार हरी सब्जियों को थोड़ी देर तक ही पकाना चाहिए और वह भी ढंके हुए बर्तन में। इन्हें ज्यादा तलना ठीक नहीं ।
आइए,अब नज़र डालते हैं उन प्रमुख हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए और सी की मात्रा पर ताकि आप स्वाद की बजाए,ज़रूरत के हिसाब से उनका उपयोग कर सकें-
(तालिका खाद्य तथा पोषाहार बोर्ड,महिला एवं बाल विकास विभाग,भारत सरकार द्वारा जारी)
बहुत अच्छी जानकारी .. धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएं