मंगलवार, 30 मार्च 2010

स्टेम सेल के नतीज़े उत्साहवर्द्धक रहे हैं- डॉ. त्रेहन

पद्मभूषण डॉ. नरेश त्रेहन देश के उन डॉक्टरों में अव्वल हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की। हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में अनेक प्रयोग करने वाले और गुड़गांव स्थित मेदांत द मेडिसिटी के चेयरमैन डॉक्टर त्रेहन के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंशः


देश में हृदय रोगों के बढ़ने के कारण क्या हैं? 
एक अनुमान के अनुसार पिछले 40 सालों में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 35 से 64 साल के मध्य आयु वाले व्यक्तियों में विभिन्न हृदय रोग छह से आठ गुना तक बढ़ चुके हैं। तनावपूर्ण जीवन-शैली, गलत खानपान, व्यायाम या समुचित शारीरिक श्रम न करना हृदय रोगों के कुछ प्रमुख कारण हैं। खानपान में अत्यधिक चिकनाई या तेलयुक्त खाद्य पदार्थों को महत्व देना, नमक और इससे बनी खाद्य वस्तुओं का अधिक मात्रा में सेवन कालांतर में हाई ब्लडप्रेशर व हृदय रोगों की आशंकाओं को बढ़ा देता है। मधुमेह और गुर्दा रोगों से ग्रस्त मरीजों में हृदय रोग होने की आशंकाएं काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं। वहीं जिन लोगों के मां-बाप हृदय रोगों से ग्रस्त रहे हैं, उनमें भी इन रोगों के होने का जोखिम बढ़ जाता है। 
हृदय रोगों से कैसे बचा जाए? 
मैंने हृदय रोगों के जिन उपर्युक्त कारणों का जिक्र किया है, उन्हें दूर करके ही इस मर्ज से बचाव किया जा सकता है। जैसे जो लोग व्यायाम नहीं करते, उन्हें नियमित तौर पर व्यायाम, योग व प्राणायाम करना चाहिए। 40 साल के बाद हृदयरोग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर लिपिड प्रोफाइल जांच करवायी जा सकती है। 
हार्ट सर्जरी के संदर्भ में अतीत और वर्तमान में क्या बदलाव आये हैं? 
अतीत में हार्ट सर्जन सीने के पास के एक बड़े भाग को चीरकर सर्जरी किया करते थे, लेकिन अब वे ऐसा नहीं करते। अब हार्ट सर्जरी एक छोटे से छेद द्वारा की जा रही है। इस कारण रोगी के शरीर में बड़ी चीर-फाड़ नहीं की जाती। अब मिनिमली इनवेसिव तकनीकों के माध्यम से धड़कते हृदय (बीटिंग हार्ट) पर सर्जरी की जाती है।

धमनियों के अवरोध (ब्लॉकेज) को खत्म करने के लिए एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी में कौन सी तकनीक बेहतर है? 
दिल की यदि एक या दो धमनियां अवरुद्ध हों, तो इस स्थिति में एंजियोप्लास्टी की जाती है, लेकिन अगर मल्टीपुल ब्लॉकेज हो यानी हृदय की कई नलिकाएं अवरुद्ध हों, तो फिर बाईपास सर्जरी की जाती है। 

देश में सबसे पहले रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत आपने की। इस सर्जरी की प्रक्रिया व खासियतें क्या हैं?
हार्ट सर्जन मेमोरी कार्ड और कंप्यूटर स्क्रीन की मदद से रोबोट के जरिये किसी त्रुटि के बगैर सर्जरी करते हैं। याद रखें, रोबोट हार्ट सर्जन के निर्देश पर काम करता है। रोबोट रूपी इस छोटी मशीन के धातु से बने हाथ के सिरे पर कैमरा लगा होता है। रोबोटिक सर्जरी के अंतर्गत मरीज के सीने के दाएं भाग पर दो इंच का चीरा लगाया जाता है ताकि उसकी पसलियों के मध्य से छोटा सा पांच मिलीमीटर का टेलीस्कोप अंदर किया जा सके। रोबोट पर लगा कैमरा इस प्रतिबिम्ब को पकड़ लेता है और इसे वीडियोस्क्रीन पर प्रसारित करता है। इस सर्जरी में पूरे सीने को खोलने की जरूरत नहीं होती और सर्जन सर्जरी की प्रक्रिया को अच्छी तरह से देख सकता है। मरीज को छाती में दर्द भी नहीं होता और वह जल्दी स्वास्थ्य लाभ करता है। हार्ट में जो होल्स (छिद्र) रह जाते हैं, उन्हें भी रोबोटिक सर्जरी से दूर किया जा सकता है। 

पाठकों को कुछ विशेष परामर्श देना चाहेंगे? 
हां, तमाम ऐसे लोग हैं, जो सीने या शरीर के ऊपरी भागों में होने वाले दर्द को पेट की गैस की शिकायत से जोड़ते हैं। यह प्रवृत्ति आत्मघाती साबित हो सकती है। अगर शरीर के इन भागों में 15 मिनट से ज्यादा दर्द होता है, तो शीघ्र ही हृदयरोग विशेषज्ञ से जांच कराएं। तभी दर्द के वास्तविक कारण का पता चल सकता है और चिकित्सक समुचित इलाज शुरू कर सकता है। नई-नई तकनीकों के माध्यम से एंजियोग्राफी के बगैर पता चल जाता है कि धमनियों में कहींअवरोध तो नहीं है। 
(प्रस्तुति:विवेक शुक्ला,दैनिक जागरण,दिल्ली,30.3.2010)

2 टिप्‍पणियां:

  1. आभार इस जानकारी का.बहुत उपयोगी है.

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  2. पोस्ट के विषय(टाइटल) और जानकारी में कोई संबंध नहीं है .
    आजकल समाचार पत्रों में स्वास्थ्य के विषय में बहुत से समाचार प्रकाशित होते हैं लेकिन इस विषय में विशेषज्ञ पत्रकार नहीं है . इसलिये इन्हे सोच समझ के ही पढ़ें .

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