मंगलवार, 2 मार्च 2010

स्वास्थ्य पर सम्मेलन कल से

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य और विकलांग व्यक्तियों के कल्याण के मुद्दे पर कल से दिल्ली में सम्मेलन शुरू हो रहा है। इसमे १९ देशों के करीब १०० विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। दो दिन के इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक करेंगे। अमर ज्योति चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले देशों के पेशेवर लोगों के नेटवर्क को मजबूत करने की संभावनाएं तलाश की जाएंगी। इसके अलावा शिक्षा के स्तर पर पुनर्विचार भी किया जाएगा। सम्मेलन में विचारों के आदान-प्रदान से विकलांग व्यक्यिों की स्वतंत्रता का दायरा बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। विकलांग लोगों के लिए शिक्षा और रोजगार की संभावना तलाशने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का प्रयास किया जाएगा। इनके लिए चिकित्सा सुविधाएं, सहयोग सेवाएं और वोकेशनल ट्रेनिंग आदि के लिए वकालत की जाएगी। मानव संसाधन विकास के लिए विकलांग लोगों को बेहतर समझने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षण सुविधाएं, स्वास्थ्य सेवा, पुनर्वास आदि मुद्दे पर कार्य योजना तैयार की जाएगी। विशेषज्ञ आपस में विचार विमर्श कर यह प्रयास करेंगे कि विकलांग व्यक्तियों की पहुंच जॉब मार्केट तक हो। एक अनुमान के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया में करीब ५ करोड़ विकलांग लोग अब भी स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास सेवाओं से वंचित हैं। ग्रामीण इलाकों में तो हालत और भी बदतर है। लिहाजा ऐसे लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए नीति बनाने की जरूरत है। बैठक में भाग लेने वाले विशेषज्ञ इस गंभीर मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे। (नई दुनिया,दिल्ली,28.2.10 में प्रकाशित खबर पर आधारित)

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