राजस्थान पत्रिका में 18 दिसम्बर,2009 को प्रकाशित रवीन्द्र मिश्रा की खबर के अनुसार,कर्मचारी राज्य बीमा योजना से जुड़े देशभर के कल-कारखानों व निजी कम्पनियों में कार्यरत पांच करोड़ से ज्यादा श्रमिक व उनके परिवार के सदस्य अब किसी भी ईएसआई अस्पताल में इलाज करवा सकेंगे। यह संभव होगा स्मार्ट बायोमेट्रिक कार्ड के जरिए। देश भर में ईएसआई के लगभग 200 अस्पताल व डिस्पेंसरियां हैं। केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के अधीन देशभर के ईएसआई अस्पतालों को ऑनलाइन करने का काम चल रहा है। "प्रोजेक्ट पंचदीप" के तहत राज्य कर्मचारी बीमा निगम से जुड़े नियोजकों, बीमित व्यक्तियों, देशभर में निगम के क्षेत्रीय व शाखा कार्यालयों, डिस्पेंसरियों और अस्पतालों को इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। निगम में ऑन लाइन व्यवस्था लागू होने के बाद प्रत्येक बीमित व्यक्ति को दो स्मार्ट बायोमेट्रिक कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। एक कार्ड स्वयं बीमित व्यक्ति के लिए व दूसरा परिवार के सदस्यों के लिए होगा। इसके माध्यम से बीमित व्यक्ति देश के किसी भी शहर में चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकेगा। परिजन भी अपने गांव या शहर की निकटतम डिस्पेंसरी अथवा अस्पताल में कार्ड दिखाकर उपचार करवा सकेंगे। कर्मचारी को अस्वस्थता प्रमाण पत्र भी ऑन लाइन जारी हो सकेगा और किसी भी शहर की निगम शाखा से नगद हितलाभ का भुगतान प्राप्त किया जा सकेगा। निगम ने राज्य में गत अक्टूबर से "प्रोजेक्ट पहचान" कार्यक्रम के तहत वर्तमान में पंजीकृत नियोजकों व बीमितों का रिकॉर्ड नए सिरे कम्प्यूटर में दर्ज करना शुरू कर दिया है। देशभर में यह है स्थिति... * बीमित कर्मचारी- 1.01 करोड़ * बीमित महिला कर्मचारी- 18 लाख * नियोजकों की संख्या- 3.31 लाख * लाभार्थी परिवारों की सदस्य संख्या 3.94 करोड़ * क्षेत्रीय व उपक्षेत्रीय कार्यालय 45 * कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल 144 * कर्मचारी राज्य बीमा अनैक्सी 42 (सभी आंकड़े 31. 03. 2007 तक के)
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