सोमवार, 27 अगस्त 2012

महिलाएं और मोटापा

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपको पार्टी में जाना हो और आप अलमारी से ऐसे कपड़े ढ़ूँढ़ रही हों जो आपको सुंदर तो दिखाए लेकिन साथ ही आपके मोटापे को भी छिपा ले। अगर जवाब हाँ में है तो यह पीड़ा आपकी भी है। 

हर पाँच में से एक महिला का वज़न ज़्यादा होता है और दस में एक महिला मोटी होती है। ज्यादातर महिलाएँ अनियमित जीवनशैली के कारण मोटापे का शिकार हो रही हैं। आजकल महिलाओं का कामकाज इस तरह का हो गया है कि वो लगातार कई घंटों तक काम करती है या फिर काम के सिलसिले में लगातार सफर करती है। इस दौरान वे अकसर खाना नहीं खाती या फिर तला भुना भोजन कर लेती है, जिससे शरीर में कई मेटाबॉलिक बदलाव आ जाते है। इस तरह जंकफूड के खानपान या फिर लंबे समय तक भूखे रहने से मोटापा बढ़ जाता है। 

इस तरह महिलाएं कुछ किलो वज़न बढ़ा लेती है जो न सिर्फ देखने में बुरा लगता है बल्कि ये कई स्वास्थ संबंधि समस्याओं को भी बुलावा देता है। मोटापे से महिलाओं में दिल की बीमारी का जोखिम, लिपिड असुंतलित होना, ब्लड शुगर अनियमित होना, हारमोन असंतुलन और गर्भधारण न हो पाने जैसी कई समस्याएँ हो जाती है। हालाँकि मोटापे की शिकायत किसी भी आयुवर्ग में हो सकती है लेकिन जब महिलाएँ तीस की उम्र पार कर जाती है, तब ये समस्या ज़्यादा होने की आशंका रहती है। उम्र के इस दौर में अक्सर महिलाएँ परिवार, प्रोफेशन और बच्चों में इस कदर उलझ जाती है कि अपने बढ़ते वज़न की ओर ध्यान ही नहीं दे पातीं। 

फिर वज़न बढ़ने पर ज़्यादातर खाने-पीने के मेन्यू में बदलाव करती हैं या लगातार जिम जाकर पसीना बहाती है। इससे मोटापे पर कोई असर नहीं पड़ता, मांसपेशियाँ ज़रूर मजबूत हो जाती है। खानपान में बदलाव या जिम भी सिर्फ कुछ दिनों तक ही हो पाता है और वज़न कम न होने पर निराशा हो जाती है। कई मोटी महिलाएँ पारिवारिक कार्यक्रमों, ऑफिस की मींटिंग या कई बार ज़रूरी प्रस्तुतिकरणों में हिस्सा नहीं लेती क्योंकि वे मोटापे के कारण आत्मविश्वास की कमी महसूस करती है। आत्मविश्वास न होना बहुत बार महिलाओं को भावनात्मक रूप से तनाव में ला देता है। कई बार तो महिलाएँ इसी कारण अवसाद की भी शिकार हो जाती हैं।


क्या करें 
१. मेटाबॉल्ज़िम पर ध्यान देना बेसल मेटाबॉलिक रेट ( बी एम आर) वो ऊर्जा है जो कोई काम न करने पर भी इस्तेमाल हो जाती है। कई लोग बैठे रहते हैं लेकिन मोटे नहीं होते। इसलिए मेटॉबॉलिक रेट बढ़ाएँ। मिर्च और काली मिर्च खाने से बी एम आर बढ़ता है इसलिए अगली बार जब आप खाना खाएँ तो मीठे की बजाए तीखा चुनें। इसके अलावा व्यायाम भी बी एम आर बढ़ाता है। 

२. फाइबरयुक्त भोजन चुनें ज़्यादा से ज़्यादा फाइबरयुक्त भोजन करें। इससे आप लंबे समय तक खुद को भूखा महसूस नहीं करेंगे। 

३. लिफ्ट का इस्तेमाल न करें हमेशा सीढ़ियों का प्रयोग करें। इससे आपका पसीना बहेगा और ऊर्जा का क्षय होगा। इसलिए समझें कि सीढ़ियों से जाना भी एक तरह का व्यायाम है। 

४. कसरत करें ध्यान से अधिक समय तक कसरत करने वालों को पानी की कमी हो जाती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेते रहें। 

५. सेहतमंद जैविक सप्लिमेंट चुने जैविक सप्लिमेंट वज़न कम करने में काफी मदद करते है। इनका सेवन किसी योग्य डाइटीशियन की सलाह से करें(डॉ. अनुजा अग्रवाल,चीफ डाईटीशियन,एम्स का यह आलेख सेहत,नई दुनिया,अगस्त,2012 द्वितीयांक में प्रकाशित है)।

5 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन प्रस्‍तुति।

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  2. आज तो दुखती रग पर हाथ रखा है .... अच्छी जानकारी

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  3. मै इस मामले में बहुत जागरूक रहती हूँ !
    एक बार मोटे हो गए तो फिर पतला होना मुश्किल है
    अच्छी पोस्ट आभार !

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