बुधवार, 28 मार्च 2012

नवरात्र और जूस

इन दिनों नवरात्र चल रहे हैं। आपमें से कई लोगों का व्रत होगा। इस मौके पर जूस तो आप लेंगी ही। तो क्यों न इस बार सिंपल जूस की जगह आप ट्राई करें जूस थेरपी। व्रत का व्रत और बॉडी भी फिट। 

कुछ इस तरह : 
फलों का रस न केवल न्यूट्रिशंस देता है , बल्कि कई बीमारियों को आने से भी रोकता है। इसलिए जूस पीना बेहद जरूरी है। खासतौर से इस समय जब नवरात्र चल रहे हैं , जूस थेरपी आपके लिए कई तरह के फायदेमंद हो सकती है। दरअसल , व्रत और साथ में जूस थेरपी आपकी पूरी बॉडी को रिफ्रेश कर देगी। 

क्या हैं फायदे 
- जूस में मिनरल्स , पोटैशियम , कैल्शियम , ऐंटि ऑक्सिडेंट्स , कैरोटिन और विटामिन सी की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। 

- फलों के रस में विटामिंस , न्यूट्रिशंस और नेचरल स्वीटनेस होती है। इसलिए कैलरीज का प्रतिशत बहुत कम होता है। 

- जूस शरीर के इम्यून सिस्टम को ठीक बनाए रखता है। 

- हेक्टिक लाइफ को फ्रेश कर देता है। 

- जूस फास्टिंग ( व्रत के दौरान जूस पीना ) से पाचन ठीक बना रहता है। 

- जूस ब्लड शुगर लेवल को बैलंस करता है। 

- आप थकान फील नहीं करते और दिनभर एनर्जेटिक बने रहते हैं। 

- बॉडी से हानिकारक तत्वों को बाहर कर शरीर को रिलैक्स कर देता है। 

जूस थेरपी कैसे अपनाएं 
जूस थेरपी लेने से पहले मेंटली प्रिपेयर होना जरूरी है। पूरे दिन पांच से छह बार अलग - अलग तरह के जूस पीएं। सबसे पहले दो गिलास नीबू पानी पीएं। उसके बाद कोई फ्रूट जूस लें। ऑरेंज जूस , टमाटर , गाजर और चुकंदर का जूस मिक्स कर पीएं। दोपहर में तरबूज का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। शाम को संतरा , सेब और अंगूर का जूस मिक्स करके पीएं। इस डाइट में फेरबदल करती रहें। आप जूस में पालक , बथुआ , खीरा जैसी चीजें भी जोड़ सकती हैं। 

जूस के फायदे 
चुकंदर का जूस : 
ये ब्लड को प्यूरिफाई करता है। इसमें मौजूद तत्व स्टमक को क्लीन रखते हैं। गाजर का जूस : गाजर के जूस में मौजूद ' विटामिन ए ' लीवर के लिए बहुत अच्छा है। यह वजन कम करने , आंखों की रोशनी तेज करने और कैंसर से बचाने में मदद करता है। 

पालक का जूस : 
रोज दो बार पालक का जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। 

टमाटर का जूस : 
यह हार्ट से जुड़ी बीमारी की रोकथाम में मदद करता है। 

खीरे का जूस : 
यह जॉइंट्स की बीमारियों से बचाए रखता है। इसेमें पोटैशियम की मात्रा बहुत होती है , जिससे किडनी फिट रहती है। इसके अलावा , हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और स्किन से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है। 

चेरी जूस : 
चेरी जूस में विटामिन सी और पोटैशियम की मात्रा बहुत ज्यादा है। यह एनीमिया जैसी बीमारी से दूर रखता है। 

नीबू रस : 
यह वजन कम करता है। यही नहीं , बॉडी के दूषित पदार्थों को बाहर करता है और डायरिया से बचाता है। पपीता का जूस : यह पाचन से जुड़ी बीमारियों को ठीक करता है। 

अंगूर का जूस : 
ब्लड प्रेशर कम करता है। ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखता है। तो हो जाएं तैयार , नवरात्र व्रत को एक नए अंदाज में रखने के लिए। (सुपर्णा सिंह के ये टिप्स नवभारत टाइम्स,दिल्ली संस्करण में 26.3.12 को प्रकाशित हैं)

8 टिप्‍पणियां:

  1. प्रभावशाली प्रस्तुति ।

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  2. खाली नवरात्र क्यूँ???ऐसा नेक काम तो सारे साल किया जा सकता है.....
    :-)

    शुक्रिया.

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  3. नीबू पानी ले लिया.... आज इस पोस्ट की सलाहों को फालों करता हूँ...
    सादर धन्यवाद।

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  4. मै तो कोई भी व्रत नहीं करती, लेकिन फ्रूट जूस मुझे बहुत अच्छा लगता है !
    अच्छी लगी जानकारी !

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  5. बहुत ही अच्‍छी जानकारी ... आभार

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  6. बढ़िया जानकारी .
    हालाँकि जूस के बजाय साबुत फल खाए जाएँ तो फाइबर भी मिलेगा .
    और बर्फ न डाली जाए तो बेहतर है .

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  7. बहुत बढ़िया प्रस्तुति लेकिन जूस का केलोरी भार तभी कम रहेगा जब ताज़ा फलों का निकाला जूस बिना शर्बत मिलाये पियेंगे .टेट्रा -पेक में वह बात नहीं है केलोरीज़ बढ़ जातीं हैं संरक्षी /परिरक्षी भी .जूस हाइड्रोलिक /इलेक्त्र्लितिक बेलेंस को भी बनाए रहता है .डायरिया में और भी ज़रूरी ,पीलिये में (हिपेताइतिस )में रामबाण .कोकोनट वाटर भी जूस ही है ,हरा जूस है .

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  8. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 29-०३ -2012 को यहाँ भी है

    .... नयी पुरानी हलचल में ........सब नया नया है

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