डायबीटीज के मरीजों के लिए गुड न्यूज है। अब इंडिया में भी इंसुलिन पंप थेरेपी आ गई। इसके मदद से आपको डेली इंसुलिन इंजेक्शन लेने से मुक्ति मिल जाएगी।
फोर्टिस हॉस्पिटल के कंसलटेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अजय अग्रवाल बताते हैं कि इंसुलिन पंप एक लेटेस्ट मेडिकल डिवाइस है, जो कि देखने में बिल्कुल पेजर की तरह है। इसे पेशेंट की बेल्ट या पॉकेट पर लगाया जाता है। इस डिवाइस से एक प्लास्टिक की नली अटैच है। यह नली एंटी-एब्डॉमिनल से नीडल से अटैच होती है, जिसे कैनुअला कहते हैं। इससे पेशेंट की बॉडी एक फिकस्ड क्वॉन्टिटी में इंसुलिन जाता रहता है। यह इंसुलिन पंप थेरेपी खासकर डायबीटीज टाइप 1 और टाइप 2 के लिए फायदेमंद है। पेशेंट को एक महीने में पंप से सिर्फ 6 से 8 बार इंजेक्शन लेना होगा, जबकि इंजेक्शन से इंसुलिन के लिए पेशेंट को 90 से 120 बार इंजेक्शन लेना पड़ता है।
वहीं, महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल के कंसलटेंट फिजिशियन और डायबटोलॉजिस्ट डॉ. राजीव चावला के बताते हैं, 'डायबीटीज पेशंट्स के लिए इंसुलिन पंप एक वरदान है। खासतौर पर बच्चों के लिए, तो यह बहुत बढि़या है। इसे लगाकर बच्चे कुछ भी खा सकते हैं, बल्कि अपने फेवरिट गेम्स भी खेल सकते हैं।'
इस पंप की कॉस्ट 1 लाख रुपये से साढ़े तीन लाख रुपये के बीच है। जबकि, इंसुलिन पर हर महीने करीब साढ़े 4 हजार रुपये खर्च होते हैं। गौरतलब है कि वर्ल्ड में करीब ढाई लाख लोग इंसुलिन पंप का फायदा उठा रहे हैं और इंडिया में इसके यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
डॉ . अजय कहते हैं कि पहले 10 से 12 दिन तक पेशेंट की डायबीटीज चेक की जाती है। उसके बाद यह पंप लगाया जाता है। साथ ही , पेशेंट को इसे लगाना भी सिखाया जाता है। दरअसल , हर तीसरे दिन इस पंप की नीडल चेंज की जाती है , जिसे पेशंट खुद चेंज कर सकते हैं(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.2.12)।
सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार ||
sahmat hain aapse.
हटाएंhamne bhi ise dikhaya hai 'Blog ki khabren par'
http://blogkikhabren.blogspot.com/2012/03/insulin-pump.html
and see
http://vedquran.blogspot.in/2012/03/makkah.html
बहुत अच्छा रहेगा इंसुलिन लेने वालों के लिए.
जवाब देंहटाएंdiabetics के लिए अच्छी खबर है . हालाँकि अभी महंगा है .
जवाब देंहटाएंउपरोक्त जानकारीपरक पोस्ट हेतु आभार एवं ....स:परिवार होली की हार्दिक शुभकानाएं.......
जवाब देंहटाएंएक नई जानकारी।
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