भले ही आप मीठे के शौकीन न हों, लेकिन आपके दिन की शुरुआत तो आप मीठी चाय, कॉफी या दूध के साथ ही करते हैं। फिर नाश्ते में ब्रेड-बटर या घी-तेल से बने पराठे। दिनभर चाय-काफी और सॉफ्ट ड्रिंक आदि का दौर चलता है। इसके अलावा रात को खाने के बाद कई बार मीठा खाने की इच्छा हो ही जाती है। कई लोगों को मिठाइयों का तो शौक नहीं होता है, लेकिन चॉकलेट को ये मना नहीं कर पाते।
इस तरह जो लोग "मीठे के शौकीन" नहीं होते, वे भी अपने दिनभर के आहार में कई तरह से शकर ले लेते हैं। सिर्फ कहने की बात रहती है कि "हम ज़्यादा मीठा नहीं खाते।" कई चीज़ों में शकर छिपी हुई होती है, इसलिए गिनती में नहीं आती, जैसे डिब्बाबंद और प्रसंकृत आहार व कई पेयों में शकर का हिसाब लगाना मुश्किल होता है। कम या ज़्यादा तो तुलनात्मक रूप से कहा जाता है, लेकिन कितनी शकर लेनी चाहिए और किन-किन खाद्य पदार्थों से ये प्राप्त होती है? इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है, नहीं तो आप दिनभर में ज़रूरत से ज़्यादा शकर ले लेंगे, जो सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
शकर कई प्रकार ही होती है- सुक्रोज़, फ्रुक्टोज़, ग्लूकोज़ या लैक्टोज़। किसी न किसी प्रकार की शकर लगभग हर खाने की चीज़ में मौजूद होती है। सॉस, जैम, जैली, केक, पुडिंग, बिस्किट, चॉकलेट, ऑइसक्रीम आदि में खूब शकर होती है, अतः ये सभी कैलोरी के भंडार हैं।
अधिक कैलोरी लेने से मोटापे की आशंका बढ़ जाती है, जो अपने साथ मधुमेह और हृदय रोग जैसी कई बीमारियों को साथ लाता है। हाँ, अगर आप खूब शारीरिक श्रम करते हैं और ढेरों कैलोरी जलाते हैं तो आपको इस बारे में फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो फिर इस ओर ध्यान देना चाहिए। मधुमेह रोगियों को विशेष रूप से शकर और कार्बोहाइड्रेट का ध्यान रखकर ही कोई भी चीज़ खाना चाहिए, नहीं तो बीमारी पर नियंत्रण रखना काफी मुश्किल हो जाता है। बाहर का खाना या डिब्बाबंद खाने की अधिकता और सॉफ्टड्रिंक्स की आदत मुश्किल में डाल सकती है। इस तरह के खाद्य पदार्थों में इतनी शकर होती है कि दिनभर के खाने का हिसाब लगाया जाए तो वो 20 चम्मच भी हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार,एक सामान्य व्यक्ति अधिकतम 12 चम्मच(48 ग्राम) शकर ले सकता है। सामान्य व्यक्ति को दिनभर के आहार से 2.200 कैलोरी प्राप्त होनी चाहिए। इस तरह,शकर से प्राप्त होने वाली कैलोरी पूरे आहार की 9 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
कैसे करें नियंत्रित
खाने की चीजों में(खासकर ताज़े फलों में) शकर प्राकृतिक रूप से मौजूद होती है,इसलिए,ऊपर से डालने की ज़रूरत नहीं होती। शरीर में हर प्रकार की शकर ग्लूलोज़ में परिवर्तित हो जाती है। ऊर्जा की आवश्यकता होने पर शरीर ग्लूकोज का इस्तेमाल करता है। अमरीकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार,महिलाओं को एक दिन में 6 छोटे चम्मच शकर(100 कैलोरी) से ज़्यादा नहीं लेना चाहिए। पुरुषों के लिए यह मात्रा 9 छोटे चम्मच(150 कैलोरी) निर्धारित की गई है।
पैकेज्ड चीज़ों को खरीदने से पहले उनका लेबल चैक करें। डिब्बे पर दी गई जानकारी में कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान दें। इनके अलावा,जिन शब्दों के अंत में ओज़ या ओल लिखा हो,उन पर भी ध्यान दें,जैसे-ग्लूकोज़,फ्रुक्टोज़,डेक्सट्रोज़,माल्टोज़,सुक्रोज़,लैक्टोज़,सॉर्बिटॉल आदि। ये सभी शकर के प्रकार हैं। इस तरह आप जान सकेंगे कि आप जो ले रहे हैं,उसमें कितनी शकर है(डॉ. योगेश साह,सेहत,नई दुनिया,फरवरी प्रथमांक 2012)
यही तो जानने लायक तथ्य है ...
जवाब देंहटाएंसचमुच आज अव्यवस्थित खान पान एवं दिनचर्या के चलते मधुमेह का जाल अत्यधिक फ़ैलता जा रहा है... बहुत महत्त्वपूर्ण जानकारी देती पोस्ट.
जवाब देंहटाएंसादर आभार.
धन्यवाद राधारमण जी आपका मेरे ब्लाग पर आने के लिये
जवाब देंहटाएंवर्ड वेरिफिकेशन हटाने का मैने बहुत प्रयास किया पर समझ मे नही
आ रहा है।
ye maine likha hai jo meri beti ke account se publish ho gya.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया उपयोगी पोस्ट
जवाब देंहटाएंआभार !
बहुत उपयोगी पोस्ट
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी
जवाब देंहटाएंimportant and useful material sir ji
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हुई उपयोगी पोस्ट
जवाब देंहटाएंसबको होश में लाने वाली पोस्ट रहती है आपकी...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया बहुत बहुत...
आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (३१) में शामिल की गई है/आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप इसी तरह लगन और मेहनत से हिंदी भाषा की सेवा करते रहें यही कामना है /आभार /
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