मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

माइग्रेन में उपयोगी है गरम हलवा

व्यक्ति की दिनचर्या में व्यापक बदलाव दिख रहा है। कोई बड़ा शहर इससे अछूता नहीं है। मधुमेह, तनाव आदि रोगों के साथ ही यहां माइग्रेन रोगियों की भी संख्या कम नहीं है। महिलाओं के साथ ही बच्चे व बुजुर्ग भी इस रोग की गिरफ्त में हैं। उपचार के अलावा इस रोग से बचाव के लिए आयुर्वेद का पथ्य यह कहता है - गरम हलवा खाओ,माइग्रेन दूर भगाओ। सुबह सबेरे गरमा-गरम हलवा न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है, बल्कि इससे माइग्रेन पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है। बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान आयुर्वेद संकाय के द्रव्य गुण विभाग के प्रो. कमलनय द्विवेदी कहते हैं कि आयुर्वेद के फंडे में गरम व मीठा आहार त्रिदोष-यानी वात, पित्त व कफ का शमन करता है। साथ ही,यह अर्धावभेदक माइग्रेन से निजात दिलाता है। 

चिकित्सकों का मानना है कि मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली रक्तवाहिनियों का ढीलापन माइग्रेन का प्रमुख कारण है। रोग की प्रकृति के हिसाब से इसका दर्द सिर के आधे हिस्से में क्षणिक लेकिन कई बार हो सकता है अथवा कई दिनों तक लगातार बना रह सकता है। तेज रोशनी तथा शोरगुल इस रोग की आदर्श परिस्थितियों में शामिल है। आयुर्वेद की सूक्ति कहती है कि माइग्रेन से बचाव के लिए सूर्योदय से पूर्व उठना लाभप्रद होता है। इसके पीछे विज्ञान यह है कि जब व्यक्ति सुबह सवेरे उठ जायेगा तो वह अचानक से पड़ने वाले तेज प्रकाश से स्वत: ही बच जायेगा। सूर्य की रोशनी धीरे-धीरे बढ़ेगी जिससे दिक्कत की संभावना ही नहीं बनेगी। 

यह है माइग्रेन दौरे का संकेत
आंख में जलन, सिर में सनसनाहट, जीभ का लड़खड़ाना, आंखों के आगे अंधेरा छाना या बिजली कौंधने सा अनुभव होना, मितली अथवा उल्टी।  

माइग्रेन के लिए आदर्श परिस्थितियां  
अवसाद के अलावा तेज रोशनी और शोर तथा प्रत्येक वह कारण माइग्रेन को जन्म देता है जिससे मन व मस्तिष्क अव्यवस्थित हो जाता है। 

उपचार: 
माइग्रेन का उपचार एलोपैथ, प्राकृतिक तथा आयुव्रेद चिकित्सा में किया जाता है। एलोपैथ में इस बीमारी का उपचार प्राय: कैल्शियम चैनल्सब्लाकर दवाओं की मदद से किया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा के तहत योगसाधना व दैनिक क्रियाकलापों के माध्यम से माइग्रेन की आदर्श परिस्थितियों से बचा जा सकता है। यह आचरण को बलवान बनाने पर विषेश बल देता है। आयुर्वेद में,पथ्य -अपथ्य के पालन के साथ ही औषधियों की मदद से रक्तवाहिनियों की शिथिलता को दूर कर इस रोग से निजात दिलाया जाता है(आनंद मिश्र,राष्ट्रीय सहारा,वाराणसी,5.4.11)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. ये तो आपने बड़ा अच्छा उपाय बताया । हरयाणवी लोग तो वैसे भी रोज हलवे की फरमाइश करते हैं ।

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  2. बहुत उपयोगी जानकारी प्रस्तुति के लिए आभार

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