फिर से काम में जुट जाते हैं, लेकिन कभी आपने गौर किया है कि कुछ समस्याएं आपको लगातार तंग करती हैं और पेनकिलर खाने से भी ठीक नहीं होतीं। अगर ऐसा हो रहा हो तो सतर्क हो जाइए, क्योंकि ये संकेत किसी गंभीर बीमारी के भी हो सकते हैं।
वजन घटने लगे : आप वजन घटाने का कोई प्रयास यानी एक्सरसाइज या डायटिंग आदि नहीं कर रहे हैं और फिर भी तेजी से वजन घटने लगे तो इसे अनदेखा न करें। वजन घटना बेशक छरहरी काया पाने के लिहाज से अच्छा हो सकता है, पर ये किसी गंभीर बीमारी का सूचक भी हो सकता है। यह थायरायड या पाचन तंत्र में गड़बड़ी होने की वजह से भी हो सकता है। अगर छह महीनों के अंदर आपके शरीर के वजन का 10 प्रतिशत घट जाए तो डॉक्टर से जांच कराएं।
मैक्स हेल्थकेयर, पीतमपुरा के इंटरनल मेडीसिन कंसल्टेंट डॉ. संजय गोगिया के अनुसार, ‘वजन का घटते जाने की वजह किसी लंबे समय से चला आ रहा इंफेक्शन भी हो सकता है, जैसे तपेदिक, फंगल या कैंसर। इसके अतिरिक्त पेट में कीड़े होने या डायबिटीज भी इसकी एक वजह है।’
हल्के में न लें सिरदर्द को
सिरदर्द एक ऐसी आम बीमारी है जिसका सामना बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी करते हैं। अकसर धूप में जाने या मौसम बदलने के कारण यह हो जाता है या बहुत देर खाली पेट रहने से भी सिरदर्द हो जाता है। लोग इसके लिए पेनकिलर ले लेते हैं और कुछ देर सो लेते हैं तो आराम आ जाता है, किंतु यह अगर लगातार बने रहे तो चिंता का विषय हो सकता है।
इंडो-गल्फ अस्पताल, नोयडा के एचओडी और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. गिरीश वैष्णव के अनुसार, ‘हलका सिरदर्द तनाव, थकावट या मौसम के बदलाव की वजह से हो सकता है, लेकिन यह युवावस्था में लगातार बना रहता है तो माइग्रेन भी हो सकता है। साथ ही वीडियो गेम खेलने या कंप्यूटर पर देर तक काम करने की वजह से आंखों पर जोर पड़ने के कारण भी यह हो सकता है।
सिरदर्द होने की एक वजह साइनेसाइटिस भी है, लेकिन अगर यह सिर के पिछले हिस्से में हो तो सर्वाइकल की वजह से हो सकता है। किसी भी सूरत में इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है, खासतौर पर जब सिरदर्द के साथ उलटी भी हो। अगर उलटी आने के बाद आराम मिलता हो तो यह ब्रेन फीवर भी हो सकता है या बेन ट्यूमर के लक्षण भी। अगर सिरदर्द के साथ उलटी तथा बुखार भी हो तो मेनिनजाइटिस होने की संभावना होती है। तुरंत डाक्टरी जांच कराएं।’
दर्द पीठ का, असर दिमाग पर
यह एक ऐसा लक्षण है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर लगातार छह महीनों तक यह दर्द बना रहे तो इसका असर दिमाग पर पड़ता है। इससे आपकी अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉ. संजय कहते हैं, ‘पीठ दर्द हमेशा बहुत देर तक बैठे रहने या थकावट की वजह से ही नहीं होता है, बल्कि यह स्नायु, डिस्क संबंधी समस्याओं की वजह से भी हो सकता है। हड्डियों में दिक्कत हो या महिलाओं में यह युर्टस और ओवरी में किसी किस्म का इंफेक्शन होने की वजह से भी होता है। अगर पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो तो यह पथरी की वजह से भी हो सकता है।’
हमेशा थकावट भी खतरनाक
काम से या किसी बात से परेशान होने पर थकान हो जाना बहुत स्वाभाविक है, पर अगर थकावट आपके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाए तो जांच करानी आवश्यक है। थकावट अंडर एक्टिव थायरायड की वजह से हो सकती है जिससे डिप्रेशन, याददाश्त में कमी, हाई ब्लड प्रेशर, रक्त प्रवाह का ठीक से न होना और दिल की बीमारी होने का खतरा भी हो सकता है। थकावट की एक वजह से तनाव व नींद न आना भी होता है, लेकिन यह कैंसर की निशानी भी हो सकती है। अपना ब्लड टेस्ट अवश्य करा लें।
हलका बुखार गड़बड़ है
तेज बुखार के लक्षमों को पहचानकर उसका निदान करना आसान होता है, किंतु हलका बुखार अगर लगातार आता हो या लंबे समय तक बना रहे तो चिंता की बात हो सकती है। इसका कारण थकावट नहीं है। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के एचओडी, मेडिसिन, डॉ. अजय अग्रवाल के अनुसार, ‘हलका बुखार आना तपेदिक या यूरिन के इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है। कैंसर भी इसका कारण हो सकता है। जोड़ों में दर्द या थायरायड की वजह से भी यह हो सकता है। तेज बुखार को पकड़ पाना आसान होता है, पर हलके बुखार का निदान करने में समय लग जाता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।’
लगातार सर्दी-जुकाम कई रोगों की जड़
अकसर बहुत ज्यादा ठंडे पानी या खट्टा खा लेने की वजह से बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम की शिकायत हो जाती है, लेकिन अगर ऐसा हर बदलते मौसम में होता हो या सांस लेने में भी दिक्कत आती हो तो ऐसा अस्थमा या सांस लेने में दिक्कत आने की वजह से भी हो सकता है। डॉ. गिरीश कहते हैं, ‘सर्दी-जुकाम के साथ अगर छाती में भी दर्द तो उसे हलके से न लें। कई लोग इसे गैस समझकर डायजीन पी लेते हैं, पर अगर आपकी सांस भी फूल रही हो तो यह न्यूमोनिया हो सकता है।’
पेट दर्द को नजरअंदाज न करें
पेट दर्द की समस्या एक आम समस्या है और हर उम्र के लोग इससे पीड़ित रहते हैं। गलत या असमय खाने की वजह से पेट दर्द हो जाता है और कुछ समय बाद अपने आप ठीक भी हो जाता है, पर अगर यह लगातार बना रहे और आप खाना भी ठीक खा रहे हों तो डॉक्टर से संपर्क करें। डॉ. अग्रवाल के अनुसार, ‘पेट में तेज दर्द किसी तरह के इंफेक्शन, स्टोन, पेनक्रियाज में सूजन, तपेदिक की वजह से हो सकता है। अगर बहुत तेज दर्द है तो अपेंडिक्स होता है, जिसका पता चल जाता है, पर बाकी संकेतों को लंबे समय तक नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।’
(सुमन वाजपेयी,हिंदुस्तान,दिल्ली,5.4.11)
हमेशा थकावट भी खतरनाक
काम से या किसी बात से परेशान होने पर थकान हो जाना बहुत स्वाभाविक है, पर अगर थकावट आपके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाए तो जांच करानी आवश्यक है। थकावट अंडर एक्टिव थायरायड की वजह से हो सकती है जिससे डिप्रेशन, याददाश्त में कमी, हाई ब्लड प्रेशर, रक्त प्रवाह का ठीक से न होना और दिल की बीमारी होने का खतरा भी हो सकता है। थकावट की एक वजह से तनाव व नींद न आना भी होता है, लेकिन यह कैंसर की निशानी भी हो सकती है। अपना ब्लड टेस्ट अवश्य करा लें।
हलका बुखार गड़बड़ है
तेज बुखार के लक्षमों को पहचानकर उसका निदान करना आसान होता है, किंतु हलका बुखार अगर लगातार आता हो या लंबे समय तक बना रहे तो चिंता की बात हो सकती है। इसका कारण थकावट नहीं है। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के एचओडी, मेडिसिन, डॉ. अजय अग्रवाल के अनुसार, ‘हलका बुखार आना तपेदिक या यूरिन के इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है। कैंसर भी इसका कारण हो सकता है। जोड़ों में दर्द या थायरायड की वजह से भी यह हो सकता है। तेज बुखार को पकड़ पाना आसान होता है, पर हलके बुखार का निदान करने में समय लग जाता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।’
लगातार सर्दी-जुकाम कई रोगों की जड़
अकसर बहुत ज्यादा ठंडे पानी या खट्टा खा लेने की वजह से बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम की शिकायत हो जाती है, लेकिन अगर ऐसा हर बदलते मौसम में होता हो या सांस लेने में भी दिक्कत आती हो तो ऐसा अस्थमा या सांस लेने में दिक्कत आने की वजह से भी हो सकता है। डॉ. गिरीश कहते हैं, ‘सर्दी-जुकाम के साथ अगर छाती में भी दर्द तो उसे हलके से न लें। कई लोग इसे गैस समझकर डायजीन पी लेते हैं, पर अगर आपकी सांस भी फूल रही हो तो यह न्यूमोनिया हो सकता है।’
पेट दर्द को नजरअंदाज न करें
पेट दर्द की समस्या एक आम समस्या है और हर उम्र के लोग इससे पीड़ित रहते हैं। गलत या असमय खाने की वजह से पेट दर्द हो जाता है और कुछ समय बाद अपने आप ठीक भी हो जाता है, पर अगर यह लगातार बना रहे और आप खाना भी ठीक खा रहे हों तो डॉक्टर से संपर्क करें। डॉ. अग्रवाल के अनुसार, ‘पेट में तेज दर्द किसी तरह के इंफेक्शन, स्टोन, पेनक्रियाज में सूजन, तपेदिक की वजह से हो सकता है। अगर बहुत तेज दर्द है तो अपेंडिक्स होता है, जिसका पता चल जाता है, पर बाकी संकेतों को लंबे समय तक नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।’
(सुमन वाजपेयी,हिंदुस्तान,दिल्ली,5.4.11)
जागरुकता के महत्वपूर्ण संदेश हेतु आभार आपका ।
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