पोलियो के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते हरियाणा व पंजाब को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेंजर जोन में रखा है। हरियाणा और पंजाब के कुछ क्षेत्रों को तो अति संवेदनशील क्षेत्रों में रखा गया है। इससे पल्स पोलियो अभियान की सफलता पर ही सवालिया निशान लग गया है। खास बता यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति यहां काफी बेहतर है और शहरों में ही ऐसे सभी मामले सामने आए हैं। हरियाणा के पलवल, मेवात, फरीदाबाद व गुड़गांव तथा पंजाब के लुधियाना, जालंधर, पटियाला, मोगा व मोहाली को अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया है। हालांकि डब्ल्यूएचओ के अधिकारी इस खतरनाक स्थिति के लिए अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों को जिम्मेदार बता रहे हैं। देश को पोलियो मुक्त बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से सघन पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है। इसके बावजूद पोलियो के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। विकास के मामले में अव्वल राज्यों हरियाणा व पंजाब से पोलियो के नए मामले सामने आने से पूरे अभियान पर ही सवालिया निशान लग गया है। इस वर्ष 18 जनवरी को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2005 से हरियाणा में 20 पोलियो के मरीज आ चुके हैं। यह संख्या डेंजर जोन में शामिल अन्य राज्यों दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और पंजाब के मुकाबले काफी अधिक है। पंजाब में 2005 से अब तक पोलियो के 8 मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर (टेक्नीकल) डॉ. सुनील कहते हैं कि हरियाणा व पंजाब में पोलियो प्रभावित दूसरे राज्यों से मजदूरों के आने के कारण यहां पोलियो के वायरस का खात्मा नहीं हो पा रहा है। दोनों राज्यों में पोलियो के सभी मामले मजदूर परिवारों में ही मिले हैं। डॉ. सुनील ने बताया कि जम्मू कश्मीर में पंजाब से गए एक परिवार में पोलियो वायरस मिला था, लेकिन यह परिवार भी बाहर से आकर पंजाब में मजदूरी करता था। उन्होंने बताया कि हरियाणा के पलवल, मेवात, फरीदाबाद व गुड़गांव तथा पंजाब के लुधियाना, जालंधर, पटियाला, मोगा व मोहाली को अति संवेदनशील क्षेत्रों में रखा गया है। उनका तर्क है कि पोलियो वायरस मिलने के हरियाणा व पंजाब से जो ताजा मामले सामने आए हैं, वे ग्रामीण इलाकों से नहीं हैं। यह शहरी इलाकों से ही आए हैं। शहरों में भी श्रमिक वर्ग में ही पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। डॉ. सुनील का कहना है कि पंजाब के लुधियाना में दो, जालंधर व मोहाली में मिला पोलियो वायरस का एक-एक मामला सामने आया है। हरियाणा के वरिष्ठ प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार कहते हैं कि जिन इलाकों में पोलियो के मामले सामने आते हैं, वहां पर डब्ल्यूएचओ के निर्देश पर बार-बार पोलियो रोधी अभियान चलाया जा रहा है(अजयदीप लाठर,दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,3.2.11)।
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