कहते हैं जो जैसा सोचता है, उसी दिशा में उसके विचार बढते हैं। अगर यह सोच नकारात्मक हो जाए, तो इसका असर सेहत पर पडने लगता है। वैज्ञानिक शोधों से यह साबित हो चुका है कि दिमाग में किसी भी नकारात्मक गतिविधि से आदमी की रोगों से लडने की ताकत कम हो जाती है। निराशावादी सोच वालों पर नकारात्मक गतिविधि का जल्द असर होता है।
इसलिए अपनी सोच को सकारात्मक बनाने के लिए इन चीजों को आजमाएं-
* बीती बातों में उलझे रहने की बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें।
* नकारात्मक सोच रखने वालों की संगत से बचें।
* अगर कोई आपकी कार्य क्षमता पर ऊंगली उठाए, तो उसे चुनौती के रूप में स्वीकारें। उनकी सोच को गलत साबित करें।
* सकारात्मक सोच के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पूरी नींद लें। इससे आपका मस्तिष्क बेहतर काम करेगा।
* आपके पास जो कुछ भी है, उसके लिए ईश्वर का आभार जताएं। पडोसियों की खुशहाली से जलें नहीं। अपनी तरक्की का मार्ग खुद प्रशस्त करें।
* नकारात्मक शब्दों जैसे मैं यह नहीं कर सकता, यह असंभव है, के प्रयोग से बचें।
* प्रतिदिन कुछ सकारात्मक, जीवन को प्रेरणा देने वाले विचारों को डायरी में लिखने की आदत डालें। फिर अपनी सोच का करें(स्वतंत्र वार्ता,29 मार्च,2010)।
* नकारात्मक शब्दों जैसे मैं यह नहीं कर सकता, यह असंभव है, के प्रयोग से बचें।
* प्रतिदिन कुछ सकारात्मक, जीवन को प्रेरणा देने वाले विचारों को डायरी में लिखने की आदत डालें। फिर अपनी सोच का करें(स्वतंत्र वार्ता,29 मार्च,2010)।
बेहद प्रभावशाली विचार्।
जवाब देंहटाएंइस अनुकरणीय प्रस्तूति के लिये आभार