गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

महामारियों से लड़ने के लिए योजना तैयार

पहले से मौजूद बीमारियों के अलावा स्वाइन फ्लू (एच1एन1) जैसी नई महामारियों से लड़ने के लिए तकनीकी महारत हासिल करने पर अब हमारे देश में भी खास तवज्जो दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गंभीर बीमारियों से बचाव और इनको काबू करने के लिए 382.41 करोड़ रुपये की लागत से एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसके तहत मौजूदा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को अमेरिका के प्रसिद्ध रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी, अटलांटा) की तर्ज पर विकसित किया जाना है। योजना आयोग से मंजूरी मिलने के बाद इसकी विस्तृत योजना स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार कर ली है। इसे जल्दी ही आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत में बीमारियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए इससे लड़ने के लिए दोतरफा रणनीति की जरूरत महसूस की गई है। इसके तहत एक ओर जहां राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसे कार्यक्रम के जरिए आधारभूत स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है, वहीं तकनीकी और विशेषज्ञता के स्तर पर भी गंभीर तैयारियों की जरूरत देखी गई है। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 382.41 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को आधुनिकतम संस्थान के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई है। स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद चाहते हैं कि इसे मार्च, 2013 तक पूरा कर लिया जाए। योजना आयोग की मंजूरी मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी एचएससीसी ने इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। इस काम के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अलावा अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र से भी सलाह ली गई है। इसके तहत एनसीडीसी में पर्याप्त संख्या में आर्द्र और शुष्क प्रयोगशालाएं, बायोसेफ्टी लेवल दो और तीन की प्रयोगशालाएं बनाने के अलावा बड़ी संख्या में विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना है। साथ ही, इसके जरिए मौजूदा और संभावित चुनौतियों से लड़ने के लिए जरूरी तकनीक हासिल करने पर जोर दिया जाएगा। देश भर में खासकर गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए यह केंद्र काफी मददगार हो सकता है। ऐसे मामलों में यह राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों को सलाह और विशेषज्ञ मदद उपलब्ध कराता है। एनसीडीसी की शुरुआत 1909 में केंद्रीय मलेरिया ब्यूरो के तौर पर हुई थी। बाद में इसकी जिम्मेदारियां बढ़ती गई। अब यह राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के तौर पर सभी तरह के संक्रामक और गैर संक्रामक बीमारियों से बचाव के उपाय और रणनीति के लिए काम करता है। पिछले साल व्यापक पैमाने पर फैले स्वाइन फ्लू के दौरान इसकी तकनीकी क्षमता का फायदा देश भर में मिल सका(मुकेश केजरीवाल,दैनिक जागरण,दिल्ली,28.10.2010)।

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