दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है किसी अस्पताल में चिकित्सा संबंधी लापरवाही, गलती के कारण अगर कोई मरीज मर जाता है या तकलीफ उठाता है तो अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। केवल डॉक्टरों को ही दंडित किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को तभी दोषी ठहराया जा सकता है, जबकि इसके द्वारा कोई प्रशासनिक लापरवाही बरती गई हो और मरीजों को बुनियादी चिकित्सा सुविधाएँ भी नहीं उपलब्ध कराई गई हों। शहर के प्रसिद्ध इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के खिलाफ एक याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति शिवनारायण धींगरा ने कहा- गलत इलाज करने के मामले में डॉक्टर की निजी लापरवाही के लिए अस्पताल या कंपनी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा- अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर ही मरीजों का इलाज करते हैं, इसलिए इसके चिकित्सा स्टाफ की गलती के लिए अस्पताल को दंडित नहीं किया जाना चाहिए। कोई कंपनी न तो इलाज करती है और न ही अपने आप किसी मरीज का ऑपरेशन कर सकती है। इसलिए आपराधिक लापरवाही की जिम्मेदारी के लिए डॉक्टर को दोषी ठहराया जाना चाहिए न कि किसी अस्पताल को(नई दुनिया,भोपाल,9.8.2010)।
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