किशोरियों के सर्वागीण विकास के लिए संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सबला को देश के चुनिंदा दौ सौ जिलों में लागू करने के लिए मंत्री समूह ने हरी झंडी दे दी है। किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा के मानकों पर इन जिलों का चयन किया जाएगा। शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता वाली इस योजना को राज्यों के जरिए लागू किया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये से शुरू होने वाली इस योजना के तहत पोषक आहार के लिए राज्यों को आंगनबाडि़यों के जरिए 50 फीसदी सहायता भी केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा पहले से चलाई जा रही किशोरी शक्ति योजना व किशोरियों के लिए पोषक आहार कार्यक्रम को मिलाकर बनाई गई राजीव गांधी किशोरी अधिकारिता योजना (आरजीएसईएजी)-सबला मौजूदा सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य 11 से 18 साल की किशोरियों को कुपोषण से मुक्ति दिलाकर उनके स्वास्थ्य व शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार लाना है। देश की आठ करोड़ 32 लाख किशोरियों के लिए शुरू की जा रही इस योजना में स्कूल जाने वाली सभी किशोरियों को शामिल किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, 58 फीसदी महिलाओं की 18 साल से पहले शादी हो जाती है। उनमें से 30 फीसदी इस उम्र तक एक बच्चे की मां भी बन जाती हैं। इससेउनके खुद के और बच्चे के स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कते सामने आती हैं। नई योजना में अन्य योजनाओं को भी शामिल करने से यह अब किशोरियों के सर्वागीण विकास की एक संपूर्ण योजना के रूप में उभरी है। इसमें किशोरियों के स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ उनको कौशल विकास का प्रशिक्षण भी मुहैया कराया जाएगा। योजना को लागू करने में आंगनबाड़ी केंद्रों में 20-30 किशोरियों का समूह गठित कर एक सखी व दो सहेली को चुनकर उन्हें नेतृत्व दिया जाएगा। पहले सखी व सहेली को प्रशिक्षण दिया जाएगा और बाद में वे बाकी को प्रशिक्षित करेगी। आंगनबाड़ी केंद्र में हर तीन माह में एक बार किशोरी दिवस भी मनाया जाएगा(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,7.7.2010)।
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