मंगलवार, 23 मार्च 2010

थायरॉयड में योग

थायरॉइड दो तरह का होता है-हाइपो और हाइपर। महिलाओं में हाइपो ज्यादा होता है। इसमें थायरॉइड ग्रंथि से हॉर्मोन का स्त्राव कम या खत्म हो जाता है। इस मुश्किल से निजात पाने के लिए आसन।

सर्वांगासन
पीठ के बल लेट जाएं। उसके बाद दोनों पैरों को मिलाकर कमर तक के भाग को ऊपर उठाएं। दोनों हाथों से कमर को पकडें। सांस को सामान्य रखें। आसन छोडने के बाद शवासन में थोडी देर आराम करें।

फायदा- यह आसन रूके हुए स्त्रावों को प्रवाहित करने के अलावा ब्लड सर्कुलेशन बढाता है।

कंधरासन
 पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पांवों को घुटने से मोडकर शरीर के पास रखें। दोनों हाथों से एडियों को पकडें और कमर को जितना हो सके, ऊपर उठाएं। फिर सांस छोडते हुए कमर को नीचे रखें। ऎसे 5-10 राउंड करें।

फायदा- यह आसन थायरॉइड ग्रंथि पर शक्ति से काम करता है।

भस्त्रका प्राणायाम
सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब तेजी से पेट से सांस लें और छोडें। ऎसा दस बार करें। यह एक चक्र हुआ। इस तरह तीन चक्र करें और धीरे-धीरे भçस्त्रका की संख्या बढाएं।

फायदा- भस्त्रका प्राणायाम गर्मी पैदा करता है। इसका अभ्यास मेटाबॉलिज्म को बढाता है।

उदान मुद्रा
पहली, मध्यमा और अनामिका उंगली के आगे के भाग को अंगूठे के आगे के भाग से लगाएं। इसे उदान मुद्रा कहते हैं। इसका संबंध कंठ से मस्तिष्क तक होता है। यह विशुद्धि चक्र को प्रवाहित करता है।

फायदा- इससे मन शांत होता है और थायरॉइड संबंधी सभी रोगों में लाभ पहुंचता है। 
(राजस्थान पत्रिका,17 मार्च,2010 से साभार)

2 टिप्‍पणियां:

  1. aap ne jo upyogi aasn likhe hai un ke chitr bhi dene chahiyen aur labhkari hote
    dr. ved vyathit

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  2. योग आज भी बहुत बड़ी पहेली बना हुआ है. इसका कारण सही लोगों का इसमें आभाव होना है....अच्छी जानकारी....
    .................
    आज मैंने नानी-दादी की पहेलियों को याद किया............
    ......................
    विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने....
    .........मेरे ब्लॉग पर.....
    http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_23.html
    लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से.

    जवाब देंहटाएं

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