आज फिटनेस ट्रेनर की मांग जिम, बड़े होटल, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर, स्पा, टूरिस्ट रिसोर्ट आदि जगहों पर है। कुछ अनुभव लेकर आप स्वयं का फिटनेस सेंटर भी शुरू कर सकते हैं। यहां तक कि बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर वर्कप्लेस वेलनैस तथा फिटनेस प्रोग्राम का आयोजन करती हैं, जहां फिटनेस ट्रेनर की जबर्दस्त मांग होती है।
सुबह ६ बजे वॉक करते समय पाया कि कुछ उम्रदराज लोग पास के ही एक पार्क में एक नौजवान के नेतृत्व में योगा का अभ्यास कर रहे हैं। कुछ जोगिंग ट्रैक पर भी लोगों को शारीरिक व्यायाम करते देखा। फिर लगा कि शरीर फिट रखने के लिए सुबह-सुबह भागदौड़ करने में आलस न आए, तो कोई फिटनेस सेंटर या जिम ज्वाइन कर लिया जाए, वहां जाकर देखा तो लगभग २१ से ५५ साल के कई पुरुष और महिलाएं वेटलिफटिंग, एरोबिक्स आदि में जुटे हैं। आश्चर्य से मैंने ट्रेनर से पूछा कि ये सब लोग स्वास्थ्य के प्रति इतने सजग क्यों हैं? तो जवाब मिला के रोजमर्रा की भागदौड़ को भूलाने, मानसिक तनाव से जूझते और शरीर को सही आकार में रखने के लिए आज ये सब क्रियाएं आवश्यक हैं। इस बात ने मुझे बेहद प्रभावित किेया।
अब जब मुझसे किसी ने पूछा एक कॅरिअर तलाशने के लिए तो मैंने उसे सुझाव दिया फिटनेस ट्रेनिंग के बारे में, क्योंकि लोगों का इस तरफ खासा रुझान बढ़ रहा है तो क्यों न इसमें कॅरिअर के अवसर तलाशे जाएं? वह जमाना गया जब पर्सनल ट्रेनर सिर्फ खिलाड़ियों, एथलीट या बड़े सेलिब्रिटी के लिए ही होते थे। आज लोग फिट रहने के लिए एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योग इंस्ट्रक्टर तथा पर्सनल ट्रेनर की मांग करते हैं।
कॅरिअर के अवसर
आज फिटनेस ट्रेनर की मांग जिम, बड़े होटल, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर, स्पा, टूरिस्ट रिसोर्ट जैसी तमाम जगहों पर है। कुछ समय का अच्छा अनुभव लेकर आप स्वयं का फिटनेस सेंटर भी शुरू कर सकते हैं। यहां तक कि बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर वर्कप्लेस वेलनैस तथा फिटनेस प्रोग्राम का आयोजन करती हैं, जहां फिटनेस ट्रेनर की जबरदस्त मांग होती है। फिटनेस इंडस्ट्री आज अपनी चरम पर है। आज भारत में फिटनेस उद्योग २,००० करोड़ रुपए से भी अधिक पर हिस्सा रखता है। हाई टेक जिम और हेल्थ क्लब ने इसको युवाओं के बीच और अधिक प्रचलित बनाया है। कोर्स के बाद आप इसमें से किसी भी कॅरिअर का चुनाव कर सकते हैं :
- एथलीट ट्रेनर
- डाइटिशियन
- स्पोर्ट्स कोच
- फिजिकल थेरेपिस्ट
- एक फिटनेस ट्रेनर को मूलतः फिटनेस, न्यूट्रिशियन, वेट मैनेजमेंट, स्ट्रैस रिडियूशन, हेल्थ रिस्क मैनेजमेंट आदि जैसे विषयों पर ध्यान देना होता है।
- एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर के तौर पर आप वर्कआउट सत्र में एरोबिक्स, स्टेचिंग तथा मसल्स एक्सरसाइस पर ध्यान देते हैं।
- खेल जगत में एथलीट का स्टेमिना बढ़ाने के लिए आप जॉगिंग, वेट लिफ्टिंग, पुशअप जैसे विशेष व्यायामों पर जोर देते हैं।
- यदि आप योग व नैचुरोपैथी एक्सपर्ट हैं तो व्यायाम से रोग-मुक्त रहने के गुर भी सीखाते हैं।
- फिटनेस ट्रेनर के रूप में आपको अच्छी बातचीत और व्यावहारिक कला भी आनी चाहिए क्योंकि आप कई प्रकार के लोगों के संपर्क में आते हैं।
फिटनेस ट्रेनिंग के कोर्स की अगर बात की जाए तो आप नाइक एरोबिक्स कोर्स या रिबॉक इंस्ट्रक्टर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं जो मुंबई के तलवालकर संस्थान जैसे कई संस्थानों द्वारा स्थानीय स्तर पर कराए जाते हैं। ये बेसिक कोर्स करीब ८० घंटे की अवधी के होते हैं जिसमें से ३० घंटे सिद्धांत के और बाकी प्रैक्टिकल सैशन का होता है।
- दिल्ली में रिबॉक इंडिया हर वर्ष २ बार रिबॉक इंस्ट्रक्टर एलीयांस प्रोग्राम आयोजित करता है।
- भारत में योग तथा नैचुरोपैथी में स्नातक का कोर्स करीब साढ़े पांच साल का होता है।
- सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योग एंड नैचुरोपैथी ने इसमें १ वर्ष डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किया है। भारत में इसके कुल १७ केंद्र हैं।
- इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, दिल्ली।
- लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन।
- लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन।
- साईं, एनएस साउथ सेंटर, यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु ।
- साईं, एनएस ईस्टर्न सेंटर, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता ।
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