गुरुवार, 11 मार्च 2010

पार्किंसन मरीजों के लिए डीबीएस थैरेपी

पार्किंसन मरीजों के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) थेरेपी उम्मीद की किरण लेकर आया है। नईदुनिया,दिल्ली संस्करण मे आज प्रकाशित खबर के मुताबिक,६५ वर्षीय रवीश कुमार रस्तोगी ने पांच महीने तक इस थेरेपी से इलाज कराया, जिसके बाद बहुत हद तक ठीक हो गए हैं और कविताएं लिखने का अपना पुराना शौक पूरा कर रहे हैं। करीब १२ साल पहले उन्हें पार्किंसन होने का पता चला था तभी से वह शारीरिक व मानसिक कमजोरियों के काण समाज से पूरी तरह कट से गए थे। पांच महीने पहले मैक्स अस्पताल में उन्होंने यह थेरेपी लेनी शुरू की और अब जीवन को सही तरीके से जी रहे हैं। साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में के न्यूरॉलिस्ट डॉ.पुनीत अग्रवाल व न्यूरो सर्जन डॉ.संदीप वैश्य ने बताया कि डीबीएस एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इसका उपयोग अक्षम बनाने वाले कई न्यूरोलॉजिकल लक्षण के उपचार के लिए किया जाता है। इस समय इस प्रक्रिया का उपयोग सिर्फ उन मरीजों के लिए किया जाता है जिनकी बीमारी के लक्षणों को दवाइयों से अच्छी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है।

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