शनिवार, 19 दिसंबर 2009

धनियाः स्वादिष्ट भी,गुणकारी भी

सब्जी के स्वाद की बात हो या आचार के चटखारे की, धनिया के बिना तो हर जायका फीका ही लगता है। धनिया न सिर्फ मसालों की सरताज है बल्कि हर रसोई की भी जान है। यह न सिर्फ सब्जी के स्वाद को बढ़ाती है बल्कि विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन आदि से भरपूर होने के कारण डायरिया, एनीमिया, माउथ अल्सर, मासिक विकार, चेचक और डायबिटीज जैसे अनेक जान लेवा रोगों से भी बचाती है। धनिया अपने पत्तों और बीजों में कई औषधीय गुणों को समाहित किए है और ढेरों रोगों में लाभकारी है। ठंड के मौसम में साबुत धनिया को एक ग्लास पानी में उबाल कर पीने से अपच की परेशानी से बचा जा सकता है। धनिया में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। यदि एनीमिया से पीडि़त मरीज इसका रोजाना सेवन करके शरीर में खून की कमी को दूर कर सकते हैं। धनिया, महिलाओं में इंडोक्राइन ग्रंथि और हार्मोन के प्रवाह को सामान्य बनाए रखने में सहायक होती है, जिसके मासिक चक्र की गति सामान्य बनी रहती है तथा इन दिनों में होने वाले दर्द से भी निजात मिलती है। इसके लिए 20 ग्राम धनिया को 200 मिली पानी में उबाल व छान कर पीने से मासिक धर्म सामान्य बना रहता है। तेज बुखार में धनिया के बीज चबाने से बुखार कम हो जाता है। धनिया त्वचा के लिए एंटीसेप्टिक का काम करती है और त्वचा की अनेक व्याधियों जैसे एग्जिमा, सूखापन और फंगस को दूर रखता है। धनिया के एक चम्मच जूस में चुटकी भर हल्दी पाउडर मिलाकर चेहरे पर लेप लगाएं और कुछ देर छोड़ने के बाद चेहरा अच्छी तरह धो लें। मुहांसों, बैल्क हेड्स और ड्राईनेस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। एक ग्राम सूखे धनिया में एक ग्राम सर्पगंधा और दो ग्राम मिश्री पीसकर ताजे पानी के साथ खाने से उच्च रक्त चाप में कमी आती है। धनिया और चीनी के चूर्ण को एक साथ मिलाकर पानी के साथ पीने से पेशाब करने के दौरान होने वाली जलन से राहत मिलती है। 30 ग्राम धनिया में 60 ग्राम भिगोएं गेंहू के दाने और 30 ग्राम खसखस को पीस कर दूध के साथ मिलाकर पका लें। एक सप्ताह तक इस मिश्रण को खाने से कमर दर्द में आराम मिलता है, साथ ही पाचन शक्ति भी ठीक रहती है। धनिया के दानों का रोजाना सेवन मधुमेह से पीडि़त रोगियों के लिए काफी लाभकारी है। धनिया का सेवन उल्टी-दस्त और डायरिया जैसी घातक बीमारियों से बचाव करता है। साथ ही यह लिवर को स्वस्थ बनाए रखता है। जिन लोगों को भूख नहीं लगती उन्हें प्रतिदिन धनिया की 12 से 15 ताजा पत्तियों को खाना चाहिए। धनिया एंटीसेप्टिक की तरह भी काम करता है। यह शरीर पर होने वाले जख्म और मुंह के अल्सर से बचाता है। धनिया की पत्ती या बीज रोजाना खाने से सांसों में एक नई ताजगी का एहसास होता है और सांस हमेशा फ्रेश-फ्रेश रहती है। (दैनिक जागरण,पटना,19 दिसम्बर,2009 को प्रकाशित) धनिए के गुण गिनाता राजश्री कासलीवाल का वेबदुनिया से लिया गया यह आलेख भी पढिएः आज से करीब पाँच हजार साल पहले ही हरे धनिए का उपयोग हमारे खान-पान में किया जाने लगा था। एक योरोपीय राजा ने इसे उपयोगी जानकर इसके महत्व को पहचाना और इसकी खेती करने पर जोर दिया गया। उस जमाने खास कर पश्चिमी देशों और चीन, फ्राँस में इसका उपयोग बड़े ही सम्मान के साथ किया जाता था। कुछेक जाति के लोग हरा धनिया खाने के बहुत शौकीन थे। वे इसके बिना कुछ भी नहीं बना पाते थे। अठारहवीं सदी में धनिए के बीजों का उपयोग माउथफ्रेशनर बनाने के लिए किया गया। साथ ही माँसाहारी, शाकाहारी, नमकीन, सूप आदि में भी हरे धनिए का उपयोग किया जाने लगा। एक आयुर्वेदाचार्य के अनुसार इसके उपयोग से शरीर को बहुत फायदे होते हैं। * हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है। * हरे धनिया के साथ खास-तौर पर पुदीना मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। जो हमारे शरीर को आराम देती है। इसको खाने से नींद भी अच्छी आती है। * शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है। * ताजा हरा धनिया व हरी मिर्च की चटनी उत्तरांचल में बहुतप्रसिद्ध है। इसका उपयोग मेहमान नवाजी में खासतौर पर किया जाता है। * गुजराती लोग खासतौर पर हरे धनिए के साथ लहसुन और गुड़ मिलाकर इस चटनी का उपयोग करते हैं। * धानिवाला कोरमा हरे धनिए के कारण ही कश्मीर में मशहूर है। * मध्यप्रदेश में गर्मी के दिनों में खास कर हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर चटनी बनाई जाती है। जो दाल-बाटी या सादे भोजन के साथ भी बनाई जाती है। * घर पर पानीपुरी बनाने-खाने वाले लोग भी हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर घर में ही मसाले वाला पानी तैयार करते हैं। जो बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचनशक्ति को ठीक करने का काम करता है। * हरे धनिए का दही के रायते में भी भरपूर उपयोग किया जाता है। * माँस को ताजा बनाए रखने के लिए भी हरे धनिए का इस्तेमाल किया जाता है। इतने सारे गुणों के बाद यह कमाल है कि यह बहुत ज्यादा महँगा नहीं होता। और बाजार में बारह महीने आसानी उपलब्ध रहता है। सिर्फ गर्मी के दिनों में इसके भावों में कुछ तेजी आ जाती है। सचमुच हरा धनिया बहुत ही उपयोगी है। कुछ लोग तो केवल सजावट के तौर पर कभी-कभी इसका उपयोग करते हैं, लेकिन अधिकतर घरों में तो रोजाना हरे धनिया का इस्तेमाल होता है।

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