भोजन को पचाने में कई क्रियाएं होती हैं। शरीर भोजन से अपने लिए जरूरी तत्वों को ले लेता है लेकिन उन तत्वों को अलग कर देता है जो नुकसानदेह हैं। ये विषैले तत्व कई बार शरीर से आसानी से नहीं निकलते। ऐसे में एंटी-ऑक्सीडेंट उन्हें शरीर से बाहर करता है और शरीर की सफाई करता है। आइए,जानते हैं एंटी ऑक्सीडेंट के फायदे हैं और इसके स्रोतों के बारे में-
हम सभी चाहते हैं स्वस्थ और चुस्ती से भरा-पूरा जीवन, जिसमें रोग और बुढ़ापा न सताए। शरीर से विषैले तत्वों को हटा कर एंटी ऑक्सीडेंट हमारे इसी मिशन को पूरा करने में सहायक बनते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट वह अणु होते हैं जो दूसरे अणुओं के ऑक्सीडेशन को रोकते हैं। सैकड़ों नहीं हजारों पदार्थ एंटी ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते हैं। यह विटामिन, मिनरल्स और दूसरे कई पोषक तत्व होते हैं। बीटा कैरोटिन, ल्युटिन लाइकोपीन, फ्लैवोनाइड, लिगनान जैसे एंटी ऑक्सीडेंट हमारे लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण हैं। इनके अलावा मिनरल सेलेनियम भी एक एंटी ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई की एक एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में हमारे शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
क्या होते हैं फ्री रेडिकल्स
हमारे शरीर की खरबों कोशिकाओं को पोषण की कमी और संक्रमण का ही खतरा नहीं होता है, बल्कि फ्री रेडिकल्स भी कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। यह दूसरे अणुओं से इलेक्ट्रॉन चुराने की कोशिश करते हैं, जिससे डीएनए और दूसरे अणुओं को नुकसान पहुंचता है। यह फ्री रेडिकल्स भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया में उप-उत्पाद के रूप में निकलते हैं। इसके अलावा कुछ उस भोजन में होते हैं जो हम खाते हैं, कुछ उस हवा में तैरते रहते हैं जो हमारे आसपास मौजूद होती है। फ्री रेडिकल्स अलग-अलग आकार, माप और रासायनिक संगठन के होते हैं। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नष्ट करके हृदय रोगों, कैंसर और दूसरी बीमारियों की आशंका बढ़ा सकते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल के प्रभाव से कोशिकाओं को बचाते हैं।
शरीर की सफाई करते हैं एंटी ऑक्सीडेंट
शरीर में बहुत सारी गतिविधियां होती हैं। हम खाना खाते हैं, उसका पाचन और अवशोषण होता है। मेटाबॉलिज्म में यह तय होता है कि इन पदार्थों में से कितना इस्तेमाल होगा और कितना संग्रह होगा। इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य उत्पाद के साथ कई उप-उत्पाद भी बनते हैं। यह उप-उत्पाद दरअसल व्यर्थ पदार्थ होते हैं, जिन्हें कई बार शरीर बाहर नहीं निकाल पाता। एंटी ऑक्सीडेंट उनके साथ क्रिया करके शरीर को उनके नकारात्मक प्रभाव से बचाते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट वैसे तो कई भोज्य पदार्थों में पाए जाते हैं, लेकिन ताजे फल और सब्जियों में यह सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इन्हें स्कैवेंजर भी कहते हैं, क्योंकि यह फ्री रेडिकल्स को खाकर शरीर की सफाई करते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी एंटी ऑक्सीडेंट
-एंटी ऑक्सीडेंट कैंसर, हृदय रोगों, ब्लड प्रेशर, अल्जाइमर और दृष्टिहीनता के खतरे को कम करते हैं।
-एंटी ऑक्सीडेंट बुढ़ापे के लक्षणों को धीमा करते हैं।
विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा-कैरोटिन और जिंक जैसे एंटी ऑक्सीडेंट एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन से सुरक्षा करते हैं।
-ल्युटिन हमारी आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए जरूरी है।
-सेलेनियम त्वचा, बड़ी आंत और फेफड़े के कैंसर से सुरक्षा करता है।
-एंटी ऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाकर संक्रमणों से बचाते हैं।
-कोशिकाओं में टॉक्सिन इकट्ठे होने से उनका डिजेनरेशन शुरू हो जाता है। यह टॉक्सिन को नष्ट कर कोशिकाओं को मृत होने से भी बचाते हैं।
इनमें है भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट
गाजर
गाजर शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट बीटा-कैरोटिन से भरपूर होती है, जो स्वास्थ्यवर्धक कैरोटिनाइड परिवार का एक सदस्य है। यह शकरकंद, शलजम और पीली एवं नारंगी रंग की सब्जियों में होता है। यह कैंसर और हृदय रोगों से बचाता है। आर्थराइटिस के खतरे को 70 प्रतिशत तक कम करता है।
टमाटर
टमाटर में लाइकोपीन होता है। यह फेफड़े, बड़ी आंत और स्तन कैंसर से बचाता है और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखता है। यह आंखों की मोतियाबिंद और मैक्युलर डिजनरेशन से रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टमाटर में मौजूद ग्लुटाथियोन एंटी ऑक्सीडेंट इम्यून तंत्र को मजबूत करता है।
ब्रोकली
ब्रोकली, पत्तागोभी और फूल गोभी आदि सब्जियों में इंडोल्रू काबरेनेल पाया जाता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है और एस्ट्रोजन के प्रति संवेदनशील कैंसर जैसे गर्भाशय तथा सरविक्स के कैंसर से भी बचाव करता है।
चाय
चाय हमें कैंसर, हृदय रोगों, स्ट्रोक और दूसरी बीमारियों से बचाती है। हरी और काली दोनों चाय काफी लाभदायक होती हैं। हरी चाय में जो कैटेचिन्स पाया जाता है, वह काली चाय बनाने में ऑक्सीडाइज्ड होकर थियाफ्लेविन बनाता है। यह भी फ्री रेडिकल्स से लड़ता है।
लहसुन
लहसुन एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो कैंसर और हृदय रोगों से लड़ने में मददगार होता है और बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करता है। लहसुन में जो तीखी गंध होती है वह सल्फर के कारण होती है। यही उसके स्वास्थ्यवर्धक गुण का प्रमुख कारण है। लहसुन ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। यह फ्री रेडिकल से मुकाबला करता है और रक्त का थक्का बनने से रोककर दिल की हिफाजत करता है(रॉकलैंड हॉस्पिटल की वरिष्ठ डायटीशियन सुनीता राय चौधरी से शमीम खान की बातचीत पर आधारित यह आलेख दैनिक हिंदुस्तान,दिल्ली में 20.12.12 को प्रकाशित है)।
बहुत लाभकारी विश्लेषण एवं जानकारी .
जवाब देंहटाएंस्वस्थ रहने के लिए जरूरी एंटी ऑक्सीडेंट
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी उपयोगी जानकारी ...आभार !
Nice.
जवाब देंहटाएंTake Ginger also.
बहुत ही उपयोगी जानकारी, आभार!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंजारी रहिये,
बधाई !!
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (29-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है एंटी ऑक्सीडेंट, उपयोगी जानकारी ...
जवाब देंहटाएं--------------------------------------
recent post : नववर्ष की बधाई
बहुत सार्थक जानकारी ॥
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंसार्थक लेख
अच्छी जानकारी है जी
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