अशोक के पेड़ घर के आसपास सौंदर्य तो बढ़ाते ही हैं, इसके औषधीय गुण इसे और भी उपयोगी बनाते हैं।
-मधुमेह में अशोक के सूखे पुष्पों के एक चम्मच चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है।
-रक्त प्रदर में इसकी छाल के एक चम्मच चूर्ण को एक कप दूध, एक कप जल व आवश्यक शक्कर मिलाकर गर्म कर पीने से लाभ होता है।
-गर्भाशय रोगों में सुबह-शाम भोजन के बाद अशोकारिष्ट का सेवन करें।
-मूत्रघात में एक चम्मच बीजों का चूर्ण जल के साथ सेवन करने से मूत्रघात एवं पथरी का नाश होता है।
-श्वेत प्रदर में इसकी छाल के चूर्ण व मिस्री को समान मात्र में मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
श्वेत प्रदर में आंवला, गिलोय के चूर्ण को अशोक की छाल के चूर्ण के साथ बराबर मात्र में उबालकर उसमें जल मिलाएं और शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करें।
-अशोक की छाल, नींबू के रस व दूध के मिश्रण का लेप लगाने से मुंहासे जल्दी ठीक हो जाते हैं।
-सूजन व जलन में अशोक की छाल का काढ़ा बनाकर लगाने से और पीने से लाभ मिलता है।
-पेट दर्द में अशोक की पत्तियों के काढ़े में जीरा मिलाकर पीने से लाभ होता है(पवन सिन्हा,हिंदुस्तान,दिल्ली,3.7.11)।
कल सुबह सात बजेः
कल सुबह सात बजेः
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बेशक अशोक वृक्ष निश्चित ही घर की सुन्दरता बढ़ाते हैं ।
जवाब देंहटाएंहालाँकि मेडिसिनल यूज के बारे में तो कभी नहीं सोचा ।
ज्ञानवर्द्धक
जवाब देंहटाएंअशोक के औषधीय उपयोग पहली बार पढ़ रही हूँ !
जवाब देंहटाएंनई जानकारी आभार !
अच्छी जानकारी हेतु आभार !
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