-डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप्स व दवाओं को निर्देशानुसार समय पर दें।
-बच्चे को समझाएँ व पूरा ध्यान रखें कि वो आँखों को मसले नहीं।
-दिन की तेज़ रोशनी से आँखों में कोई परेशानी न हो, इसलिए डॉक्टर काला चश्मा पहनने के लिए देते हैं। रात में पहनने के लिए भी प्रोटेक्टिव आई शील्ड लिए जा सकते हैं।
-सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक मुँह धोते हुए सावधानी बरतें। ध्यान रखें कि पानी के छींटें सीधे आँखों में न जाएँ। मुँह धोने के बजाय साफ व नरम तौलिए को हल्का गीला करके इससे बच्चे का मुँह पौछ सकते हैं।
ऐसे डालें आई ड्रॉप्स
-अपने हाथ अच्छी तरह धो लें।
-बच्चे का माथा पीछे की ओर करके धीरे से पलक को ऊपर की ओर करें। आई ड्रॉप डालते हुए ध्यान रखें कि ड्रॉपर आँख से दूर ही रखें।
-ड्रॉप डालने के बाद ३० सेकंड तक आँखें बंद रखें और अतिरिक्त दवा को टिश्यु पेपर से साफ कर दें।
-ड्रॉप डालने के बाद दबा की बॉटल का ढक्कन तुरंत लगा दें और इसे साफ जगह पर रखें।
-ड्रॉप की बॉटल खोलने के ४ हफ्ते के भीतर ही इसका उपयोग कर लें। इस अवधि के बाद यदि दवा बच भी जाए तो भी इसका उपयोग न करें(सेहत,नई दुनिया,नवम्बर प्रथमांक 2011)।
कल सुबह सात बजे विस्तार से पढ़िएः
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क्या है जल-योग
well compiled!
जवाब देंहटाएंअच्छी सलाह दी गई है इस पोस्ट।
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