रविवार, 12 दिसंबर 2010

ऑनलाईन जानकारी के लिए रिएल टाईम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर तैयार

अब पेशेंट्स को अपनी रिपोर्ट और डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन लेने के लिए बार-बार हॉस्पिटल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, न ही रात के समय इमरजेंसी में डॉक्टर का इंतजार करना पड़ेगा।

इसके लिए रियल टाइम ऑटोमेशन मॉडलिंग फॉर हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसे जयपुर में अंबाबाड़ी स्थित महर्षि अरविंद इस्टीट्यूट के एमसीए स्टूडेंट्स ने बनाया है। इस रिसर्च बेस्ड प्रोजेक्ट में एक वर्चुअल हॉस्पिटल की समस्त एक्टिविटीज को ऑटोमेट कर एक ऐसा मॉडल बनाया गया है, जिसमें कोई भी पेशेंट और हॉस्पिटल का एम्पलॉई अपनी रिपोर्ट मोबाइल या इंटरनेट पर देख सकता है।

इस रियल टाइम सॉफ्टवेयर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोई भी पेशेंट अपनी डिजीज से संबंधित पूरी इन्फॉर्मेशन बिना हॉस्पिटल जाए घर पर ही मोबाइल से देख सकता है। इनमें एक्सरे, ब्लड रिपोर्ट जैसी जानकारी हमेशा उपलब्ध रहेगी। स्टूडेंट ऋतुका अरोड़ा के अनुसार मॉडल में कंप्यूटर सर्वर यूजर को मेडिसिन लेने के लिए भी ईमेल और एसएमएस से अलर्ट करेगा। इसके साथ ही इसके जरिए डॉक्टर से ऑनलाइन व ऑफलाइन कन्सल्ट कर सकते हैं।

रियल टाइम एप्लीकेशन में डिजाइन: यह मॉडल 24 घंटे और सातों दिन ऑनलाइन सिस्टम के रूप में काम करता है। इसे रियल टाइम एप्लीकेशन के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इस सॉफ्टवेयर सिस्टम को ‘24 घंटे डॉक्टर आपके द्वार’ भी कह सकते हैं। स्टूडेंट सचिन टॉक ने बताया कि डॉक्टर या स्टाफ के रेस्ट में भी यह सॉफ्टवेयर प्री—लोडेड डायग्नोसिस सिस्टम में ऑटिफिशियल इंटेलीजेन्स सिस्टम से भी यूजर को कंसल्टेन्सी दे सकता है। यह सॉफ्टवेयर इन्स्टीट्यूट के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बनाया गया है। इसमें हॉस्पिटल की ओटी, अकांउट और किस बैड पर कौनसा पेशेंट और कितनी सीट्स अभी खाली हैं आदि की जानकारी भी देगा।

ताइवान में होगा सॉफ्टवेयर प्रजेंट: अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मेरी लैंड और फ्रॉस्टबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से ताइवान स्थित नान्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। 22 से 24 दिसंबर तक होने वाली इस सेमिनार में यह सॉफ्टवेयर प्रजेंट किया जाएगा। इसके लिए ये दोनों स्टूडेंट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। वे अपने सैमेस्टर एग्जाम होने के कारण वहां नहीं जा पा रहे हैं।

सचिन टांक और रितूका अरोड़ा दोनों एमसीए के फिफ्थ सेमेस्टर में अध्ययरत हैं। सचिन चित्तौड़गढ़ और रितूका अलवर जिले से हैं। यह इन दोनों का पहला सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट है। इसे बनाने में उन्हें 5 महीने का समय लगा। यह उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर स्मिता विजयवर्गीय और नीलू गोयल के निर्देशन में पूरा किया(सुरेन्द्र बगवाड़ा,दैनिक भास्कर,जयपुर,12.12.2010)।

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