रविवार, 21 नवंबर 2010

बल खाती कमर के लिए गरूड़ासन

लड़कियों के लिए पतली होना एक सपना ही होता है और इसके लिए वे कई प्रकार के जतन भी करती हैं। ऐसी लड़कियों के लिए गरुड़ासन सबसे कारगर उपाय है। इस आसन से उनकी कमर पतली हो होगी ही साथ में कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।

इस आसन में व्यक्ति का आकर गरुड़ की तरह हो जाता है, इसलिए इसे गरुड़ासन कहते हैं। गरुड़ासन में मस्तिष्क की एकाग्रता पर ध्यान देना आवश्यक होता हैं।

गरुडासन की विधि
समतल और शांत तथा स्वच्छ वायु (हवा) के प्रवाह वाले स्थान पर गरुड़ासन करना चाहिए। इस आसन में पहले सामान्य स्थिति (सावधान की स्थिति) में खड़े हो जाएं। इस के बाद बाएं पैर को सीधा रखें और दाएं पैर को बाएं पैर में लता की तरह लपेट लें। अब दोनों हाथों को सीने के सामने रखकर हाथों को आपस में लता की तरह लपेट कर हाथों को थोड़े से आगे की ओर करें। इस स्थिति में दोनों हाथ गरुड़ की चोंच की तरह बना रहें। इसके बाद स्थिर पैर (बाएं पैर) को धीरे-धीरे नीचे झुकाते हुए दाएं पैर को पंजों पर सटाने की कोशिश करें। इस स्थिति में 1 मिनट तक रहें। इस के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। फिर दाएं पैर को नीचे सीधा खड़ा रखकर बाएं पैर को उस लता की तरह लपेट लें। हाथों की स्थिति पहले की तरह ही रखें। इस तरह इस क्रिया को दोनों पैरों से 5-5 बार करें। इस के अभ्यास को धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं।

गरुड़ासन से कई रोगों में लाभ
गरुड़ासन से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, कमर पतली होती है तथा बाहों व टांगों की मांसपेशियां तथा नस नाडिय़ां चुस्त बनती है। इससे पैर, घुटने व जांघों को मजबूती मिलती हैं। यह कंधे, बाहें तथा कोहनियों आदि के दर्द व कम्पन को ठीक करता है। यह शरीर के कम्पन को दूर करता है। यह कमर दर्द, गठिया (जोड़ों का दर्द), और आंत उतरने की बीमारी (हर्निया) आदि रोग ठीक होता है। बवासीर, अण्डकोष वृद्धि (हाइड्रोसिल) तथा मूत्र सम्बन्धी रोग के रोगियों को यह आसन करना अधिक लाभकारी हैं।

सावधानी: 
यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है तो इस आसन को करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। यह आसन थोड़ा कठिन है अत: धीरे-धीरे अभ्यास के साथ ही इसकी पूर्ण अवस्था प्राप्त की जा सकती है। इसलिए धैर्य के साथ इस आसन का अभ्यास करें और जल्द ही आपको सभी लाभ प्राप्त होने लगेंगे(दैनिक भास्कर,उज्जैन,25.8.2010)।

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