एक अध्ययन के अनुसार भारत में पांच वर्ष से नीचे की आयु वाले कम वजन के बच्चों की संख्या सबसे अधिक है. साथ ही देश में भूख की स्थिति खतरनाक है क्योंकि वैश्विक भूख सूचकांक में भारत को 84 देशों में 67वां स्थान मिला है.
वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत, बांग्लादेश, तिमोर-लेस्टे और यमन में पांच साल से नीचे की आयु वाले करीब 40 प्रतिशत बच्चों का वजन कम है.
अफ़गानिस्तान, अंगोला, चाड और सोमालिया में पांच साल से नीचे की आयु वाले बच्चों की मृत्यु दर सबसे अधिक अर्थात 20 प्रतिशत या इससे ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर विश्व भूख सूचकांक में सबसे अधिक योगदान देने वालों में कम वजन वाले बच्चे होते हैं.
सूचकांक की गणना तीन कारकों के आधार पर की जाती है. कुपोषित व्यक्तियों का अनुपात, पांच साल से कम आयु के बच्चों का अनुपात और शिशु मृत्यु दर. इसमें पाया गया कि दक्षिण एशिया में भारत उन देशों में शामिल है जहां भूख का स्तर उनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय से अधिक है जबकि चीन में अपेक्षाकृत कम भूख स्तर है.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को वैश्विक भूख सूचकांक में जो उंचा स्थान मिला है उसका कारण है बच्चों का कम वजन. बच्चों के कम वजन के लिए कुपोषण और देश में महिलाओं की सामाजिक स्थिति जिम्मेदार है(प्रभात ख़बर,रांची,12.10.2010).
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