पान, पान मसाला, तंबाकू, बहुत गर्म और मिर्च मसालेदार खाना पसंद करने वाले लोगों को ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस की शिकायत हो सकती है और अगर सही समय पर इसका इलाज न हो तो यह बीमारी कैंसर का रूप ले लेती है। डॉ अरविंद गुप्ता ने को बताया मुंह में होने वाली बीमारियों में से एक ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस है जिसमें मुंह की त्वचा में पाए जाने वाले सबम्यूकस ऊतकों में तेज जलन होती है और छाले आ जाते हैं। यह समस्या उन लोगों को होती है जो पान, पान मसाला, तंबाकू, बहुत गर्म और मिर्च मसालेदार खाने का सेवन करते हैं। इससे मुंह के ऊतक ही क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसे कैंसर का शुरूआती लक्षण माना जा सकता है क्योंकि ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस कैंसर का रूप ले सकता है। डॉ जिगीश डी. शाह कहते हैं कि इस बीमारी की वजह से व्यक्ति को मुंह खोलने में दिक्कत होती है। बाद में स्थिति यह हो जाती है कि मिर्च मसाले वाला भोजन और गर्म भोजन का सेवन असंभव हो जाता है। ऐसे लोगों को कैंसर हो सकता है। मुंह में लगातार जलन होती रहती है। लार अधिक मात्रा में बनती है। कई बार मुंह में लगातार शुष्कता का अहसास होता है। डॉ. गुप्ता कहते हैं कि शुरूआती अवस्था में इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है लेकिन देर होने पर यह बीमारी कैंसर का रूप ले सकती है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस से पीडि़त व्यक्ति के कान में दर्द होता है, उन्हें कम सुनाई देता है और उनकी आवाज ऐसी लगती है मानो वह नाक से बोल रहे हैं। कभी कभी तो मरीजों को खाने का वास्तविक स्वाद महसूस नहीं होता बल्कि खाना फीका सा लगता है। दक्षिण पूर्वी एशिया और भारत में हजारों वर्षों से पान के सेवन का चलन है। इसके दुष्प्रभाव वैसे ही होते हैं जैसे पश्चिमी देशों में तंबाकू के सेवन से होते हैं। पान और तंबाकू के सेवन से दांत खराब होना और मुंह से दुर्गंध आना ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के शुरुआती लक्षण हैं। बेहतर होगा कि पान, पान मसाला, तंबाकू, बहुत गर्म और मिर्च मसालेदार खाने से परहेज किया जाए। वह कहती हैं कि पान में लगाया जाने वाला चूना और कत्था मुंह के उूतकों की अम्लीयता बढ़ा देता है जिसकी वजह से छाले आ जाते हैं। छालों का समय पर इलाज नहीं होने पर वह अल्सर का रूप ले लेते हैं। ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस की शुरूआत में लार की मात्रा कम या ज्यादा होने लगती है। इस बीमारी के बढ़ने पर म्यूकोसा पूरी तरह समाप्त हो जाता है और कठोरता महसूस होने लगती है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,9.10.2010)।
काफ़ी अच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी दी.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अच्छी जानकारी. हमारे एक जानकार इस बिमारी से केंसर पा कर आज इस दुनिया में नहीं रहे.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी
जवाब देंहटाएंख़तरनाक बीमारी के बारे में ।।
Thanks sir
जवाब देंहटाएंइस का घरेलु उपचार क्या है
जवाब देंहटाएंइस का घरेलु उपचार क्या है
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