मध्यप्रदेश के मरीजों को अब बिना एंजियोग्राफी कराए दिल का हाल जानने के लिए दिल्ली, मुंबई अथवा नागपुर नहीं जाना पड़ेगा। अब बिना एंजियोग्राफी किए दिल की बीमारी की जांच भोपाल के जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हो सकेगी।
यह मशीन मरीज के हार्ट की कौन सी नली ब्लॉक है,एंजियोप्लास्टी के बाद मरीज को राहत मिलेगी अथवा नहीं जैसे सवालों का जवाब अपनी रिपोर्ट में देगी। जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हृदय रोगियों के परीक्षण के लिए मायोकार्डियल परस्यूएशन इमेजिंग मशीन लगाई गई है। ये मशीन मरीज के हार्ट के काम न करने वाले हिस्से की जानकारी भी देगी। अस्पताल के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि मशीन मरीज के हार्ट के ब्लॉकेज का आकार भी बताएगी।
इस जांच के लिए मरीज को रेडियोएक्टिव पदार्थ (टेक्नीशियम सेस्टामेवी) का इंजेक्शन दिया जाएगा,जो खून के साथ मिलकर सीधे हार्ट तक पहुंचेगा। पहले यह रेडियोएक्टिव पदार्थ हृदय की जीवित कोशिकाओं की स्थिति बताएगा, इसके साथ ही मरीज हार्ट के ब्लॉकेज की स्थिति मशीन पर खुद देख सकेगा।
ऐसे काम करेगी मशीनः
मायोकार्डियल परस्यूएशन इमेजिंग जांच के लिए हृदय रोगी को रेडियोएक्टिव पदार्थ टेक्नीशियम सेस्टामेवी का इंजेक्शन इंट्रावीनस दिया जाएगा। इसके करीब 45 मिनट बाद मरीज को गामा कैमरे के सामने ले जाया जाएगा। हार्ट में ब्लड के साथ पहुंचा रेडियोएक्टिव पदार्थ विकिरण (वेव) उत्सर्जित करेगा, जिन्हें गामा कैमरा रिसीव कर परस्यूएशन मशीन को ट्रांसफर करेगा। इससे हार्ट की तस्वीरें बनेंगी, जिनमें हार्ट की स्थिति की जानकारी होगी।
भोपाल में है 90 हजार हृदय रोगीः
गांधी मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग के प्रमुख डॉ. योगेश वर्मा के मुताबिक शहर में करीब 90 हजार लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि अकेले हमीदिया अस्पताल में ही हर माह हृदय रोग के करीब 2 हजार मरीज आते हैं, जिनमें से लगभग 200 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाता है।
विभिन्न कोण से देख सकेंगे हार्टः
मायोकार्डियल परस्यूऐशन इमेजिंग मशीन से डॉक्टर विभिन्न कोणों से मरीज के हार्ट की स्थिति देख सकेंगे। इसके लिए मशीन में 4डीएम मूविंग सॉफ्टवेयर लगाया गया है। जिसकी मदद से डॉक्टर मरीज के हार्ट की विभिन्न सतहों का मुआयना कर सकेंगे,जिससे डॉक्टरों को मरीज का बेहतर इलाज करने में मदद मिल सकेगी।
भोपाल में पहली मशीनः
एंजियोग्राफी के बिना हार्ट के ब्लॉकेज की जानकारी देने वाली प्रदेश में पहली कार्डियल परस्यूएशन इमेजिंग मशीन भोपाल स्थित जवाहर लाल नेहरू कैंसर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में लगी है। इससे मरीजों के हार्ट के ब्लॉकेज के साथ- साथ हृदय की कोशिकाओं की स्थिति पता चल सकेगी-डॉ.मुकुल माथुर, कंसल्टेंट,न्यूक्लियर मेडिसिन,जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
एंजियोग्राफी से सस्तीः
मायोकार्डियल परस्यूएशन इमेजिंग तकनीक से मरीज के हृदय की जांच में चार घंटे का समय लगता है। राजधानी के निजी अस्पतालों में एंजियोग्राफी की फीस 10 से 15 हजार रुपए है, जबकि इस तकनीक से मरीज के हार्ट की जांच पर महज 9,500 रुपए का खर्च आता है(रोहित श्रीवास्तव,दैनिक भास्कर,18.10.2010)।
यह तो बहुत सुखद खबर है.
जवाब देंहटाएंमीबी स्केन से हार्ट मसल्स में रक्त के प्रवाह का पता चलता है । यदि यह नॉर्मल हो तो , एंजियो की ज़रुरत नहीं होती । लेकिन पोजिटिव होने पर तो एंजियो करना ही पड़ेगा तभी एंजियोप्लास्टी की जा सकती है ।
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