हमारे देश मे 60 प्रतिशत लोगो में रक्त की कमी है । इस रोग से 40 प्रतिशत लडकियां प्रभावित हैं जबकि महिलाओ का प्रतिशत तो 80 तक है । 65 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया (Anemia) की शिकार होती हैं । एनीमिया महिलाओं मे इसलिए भी ज्यादा है कि महिलाओं मे मासिकधर्म के दौरान भारी मात्रा मे रक्त स्राव होता है । एनीमिया के चलते व्यक्ति की कार्यक्षमता पर विपरीत असर पड़ता है। इसका नुकसान राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए प्रदेश में लोगों को आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है। भारतीय समाज मे लडकियों का परवरिश पर उचित ध्यान न दिए जाने के कारण उनका पोषण अपर्याप्त रह्ता है । 13 से 15 वर्ष की लडकियों को 1620 केलोरी वाला भोजन ही मिलता है जबकि ज़रूरत होती है 2050 कैलोरी वाले भोजन की। इसलिए,किशोरियों को आयरन टेबलेट्स देने के साथ ही स्वास्थ्य-शिक्षा भी दी जाएगी। इसमें उन्हें स्वस्थ रहने और विभिन्न बीमारियों से बचाव की जानकारी दी जाएगी। इस कार्य में चिकित्साकर्मी सहयोग करेंगे।
थकान, उठते-बैठते और खडे होते समय चक्कर आना, काम के प्रति अनिच्छा, शरीर मे तापमान की कमी, त्वचा मे पीला पड़ना, दिल मे असामान्य धड़कन, सांस लेने मे तकलीफ, सीने मे दर्द, तलवों और हथेलियों मे ठंडापन और लगातार सिरदर्द एनीमिया के प्रमुख लक्षण हैं। डाक्टर कहते हैं कि एनीमिया के शिकार लोगों को खाने के तुरन्त बाद चाय,काफी और कैल्शियम नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये आयरन के अवशोषण में बाधक हैं।
"ऐसा नहीं कहा जा सकता कि आप फलां तरीक़े से स्वस्थ हैं और वो अमुक तरीक़े से। आप या तो स्वस्थ हैं या बीमार । बीमारियां पचास तरह की होती हैं;स्वास्थ्य एक ही प्रकार का होता है"- ओशो
गुरुवार, 13 मई 2010
राजस्थान को एनीमिया-मुक्त करने का अभियान शुरू
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