मानकर, जर्नल ने छापने से मना कर दिया था। उनकी पहल को पहली बार 2005 में,कांग्रेस ऑफ द इंटरनेशनल सोसायटी ऑन हाइपोस्पेडियाज एंड इंटरसेक्स डिसॉर्डर में गंभीरता से लिया गया। द जर्नल ऑफ यूरोलॉजी में इस तकनीक के प्रकाशन के बाद दुनिया भर के सर्जन ने इस तकनीक को अपनाना शुरु किया और हाइपोस्पेडियाज पर होने वाले हर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डाक्टर भट्ट को बुलाया जाने लगा। पिछले साल ब्रिटेन में 28-29 मई को हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डाक्टर भट्ट को उनके काम के लिए रेड कार्पेट दिया गया जो एक भारतीय डाक्टर को दुनिया का सलाम था। "ऐसा नहीं कहा जा सकता कि आप फलां तरीक़े से स्वस्थ हैं और वो अमुक तरीक़े से। आप या तो स्वस्थ हैं या बीमार । बीमारियां पचास तरह की होती हैं;स्वास्थ्य एक ही प्रकार का होता है"- ओशो
सोमवार, 19 अप्रैल 2010
विकृत मूत्रांग के इलाज़ में नई क्रांति
मानकर, जर्नल ने छापने से मना कर दिया था। उनकी पहल को पहली बार 2005 में,कांग्रेस ऑफ द इंटरनेशनल सोसायटी ऑन हाइपोस्पेडियाज एंड इंटरसेक्स डिसॉर्डर में गंभीरता से लिया गया। द जर्नल ऑफ यूरोलॉजी में इस तकनीक के प्रकाशन के बाद दुनिया भर के सर्जन ने इस तकनीक को अपनाना शुरु किया और हाइपोस्पेडियाज पर होने वाले हर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डाक्टर भट्ट को बुलाया जाने लगा। पिछले साल ब्रिटेन में 28-29 मई को हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डाक्टर भट्ट को उनके काम के लिए रेड कार्पेट दिया गया जो एक भारतीय डाक्टर को दुनिया का सलाम था।
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डा भट्ट हमारे वार्डन हुआ करते थे ...बीकानेर मैडीकल कालैज मैं....सर्जरी के बहुत ही अच्छे अध्यापक थे.....उनसे यही उम्मीद थी
जवाब देंहटाएंआगरा के डॉ असोपा ने भी काफी काम और नाम कमाया है इस सर्जरी में
जवाब देंहटाएंमुबारक हो बीकानेर के डॉक्टर भट्ट को.....इंडिया इज बेस्ट. बस एक ही ख्वाहिश है की 70 फीसदी गरीबों तक भी ईलाज की सुविधा पहुंचे..
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