शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

सरकारी अस्पताल में पांच रुपए में बना पाएंगे खाना

सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाने वाले ‘सांझा-चूल्हा’ का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को पांच रुपए प्रति घंटा का भुगतान करना पड़ सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अस्पताल में गरीब लोग दूर-दराज के इलाकों से इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में उनके लिए बाजार से महंगा खाना खरीदना काफी मुश्किल होता है। इसे ध्यान में रखकर मंत्रालय सरकारी अस्पतालों में लगाए जाने वाले सांझा-चूल्हों में खाना बनाने के लिए पांच रुपए प्रति घंटा की दर तय करने पर विचार कर रहा है।

क्या है सांझा चूल्हा

दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय ने अस्पतालों, रैन बसेरों और धर्मशालाओं मंे सिलेंडर और गैस चूल्हे देकर ऐसी रसोई बनाने का कार्य शुरू किया है, जहां कोई भी एक निश्चित रकम देकर एक निश्चित अवधि के लिए उनका उपयोग कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम राज्य मंत्री जितिन प्रसाद हाल ही में किसी सरकारी अस्पताल गए थे। वहां उन्होंने देखा कि लोग स्टोव पर खाना पका रहे हैं। उन्होंने बताया गया कि ये लोग दूर-दराज से आए हैं। इनके पास इतने पैसे नहीं है कि अपने व बीमार के लिए हर दिन बाजार से खाना खरीद पाएं। इसकी वजह से वे ऐसा कर रहे हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि मिट्टी के तेल के लिए ऐसे लोगों को खासा भटकना पड़ता है और दुकानदारों से महंगी दर पर खरीदारी करनी पड़ती है। इसके बाद उन्होंने अस्पतालों में ऐसे चूल्हों को स्थापित करने की सलाह अधिकारियों को दी। सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने इस योजना की पहल की है। इस समय दिल्ली के एम्स में ऐसा ही एक चूल्हा चल रहा है।

(दैनिक भास्कर,दिल्ली संस्करण,5.2.10 में संतोष ठाकुर की रिपोर्ट)

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