tag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post8786342924454833122..comments2023-12-02T15:22:34.849+05:30Comments on स्वास्थ्य: कैंसर के अधिकतर मरीज गैर-विशेषज्ञ डॉक्टरों के हवालेविनय चौधरीhttp://www.blogger.com/profile/01644384228071422665noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-43625771838460856762010-09-30T02:57:21.854+05:302010-09-30T02:57:21.854+05:30दरअसल जब तक कस्बे-दर-कस्बे तक प्राथमिक उपचार के बड...दरअसल जब तक कस्बे-दर-कस्बे तक प्राथमिक उपचार के बड़ें केंद्र नहीं खोले जाते तब तक ऐसा होता रहेगा। अभी हालात ये है कि मरीजों को कई बार महानगर आकर पता चलता है कि उनकी बीमारी कैंसर है। यहां तक पहुंचते-पहुंचते वो काफी कीमती वक्त खो देते हैं। वहीं महानगरों के अस्पताल भी बोझ से दबे हुए हैं जिससे आम आदमी का इलाज प्रभावित हो रहा है। कम से कम इतनी सुविधा तो सरकारी स्तर पर होनी चाहिए हर कस्बे में कि वो हर बड़ी बीमारी का पता तो आरंभिक स्तर पर ही चला सके। इससे कई बार मरीज को महानगरों की तरफ जाने की भी ज्यादा जरुरत नहीं होगी और वो अपने आसपास ही महानगरों के और विशेषज्ञ डॉक्टर का परामर्श पा सकता है।Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-88126296433969150202010-09-29T19:34:14.465+05:302010-09-29T19:34:14.465+05:30आज तक केंसर का इलाज भी तो नहीं मिल सका,,,और जो इला...आज तक केंसर का इलाज भी तो नहीं मिल सका,,,और जो इलाज है भी तो उसके लिए मरीज़ को नज़दीक उपचार की व्यस्था ना होने के कारण दूर - दूर तक जाना होता है,,,अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद|Ashok Sharmahttps://www.blogger.com/profile/01774229185124561732noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-66310938885400479012010-09-29T08:18:07.497+05:302010-09-29T08:18:07.497+05:30अजब स्थितियाँ हैं...जानकारी का आभार.अजब स्थितियाँ हैं...जानकारी का आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-59993584405891943942010-09-29T07:57:57.608+05:302010-09-29T07:57:57.608+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्र...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/blog-post_29.html" rel="nofollow">काव्य प्रयोजन (भाग-१०), मार्क्सवादी चिंतन, मनोज कुमार की प्रस्तुति, राजभाषा हिन्दी पर, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.com