tag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post2327777184399685483..comments2023-12-02T15:22:34.849+05:30Comments on स्वास्थ्य: पीठ दर्द को नज़रंदाज़ न करेंविनय चौधरीhttp://www.blogger.com/profile/01644384228071422665noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-57256124203947427752011-03-16T09:02:25.841+05:302011-03-16T09:02:25.841+05:30......... अब मुझे पीठदर्द का तोड़ खोजना है...
क्य............ अब मुझे पीठदर्द का तोड़ खोजना है... <br />क्या हो सकता है? क्या हो सकता है? ...<br /><br />— क्या 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' पाने की जुगाड़ इस दर्द से निजात दिलायेगी?<br />— क्या पीठमर्द नायक बनकर इस समस्या का हल खोज पाउँगा? ... मेरी बोलने की कला से तो मेरी नायिका प्रसन्न होने की बजाय कुपित अधिक हो जाती है. चुप रहने से बात बन जाती है. डांट खाते रहने से बात बन जाती है. <br />— जब भी कोई तार्किक विमर्श में मुझे पीठ दिखाता है तब मैं समझ जाता हूँ कि दर्द शुरू हो चुका है. <br /><br />........ मैं कई ब्लोगर्स की अच्छी पोस्टों पर भी पीठ नहीं ठोंकता इसलिये कि कहीं पीठ में दर्द न हो जाये.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-67666507214855932312011-03-16T09:01:54.880+05:302011-03-16T09:01:54.880+05:30...
कविता के प्रतिकूल परिणाम भी काफी देखने में आये......<br />कविता के प्रतिकूल परिणाम भी काफी देखने में आयें हैं। इसलिए सावधानी भी बरती जाती रही है।<br /><br />— कवि प्रसाद को प्रतिकूल परिणाम भोगना पड़ा।<br />— दग्धाक्षर से प्रारम्भ होने वाले काव्य ... स्वास्थय पर बुरा असर डालते रहे।प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-60797080187747793402011-03-16T09:01:12.970+05:302011-03-16T09:01:12.970+05:30चिकित्सा क्षेत्र में बहुत पहले महर्षि सुश्रुत, महर...चिकित्सा क्षेत्र में बहुत पहले महर्षि सुश्रुत, महर्षि चरक और नागार्जुन हुए जिन्होंने क्रमशः शल्य चिकित्सा, औषधीय चिकित्सा एवं भस्म चिकित्सा का आविष्कार किया। किन्तु तब भी असाध्य बीमारियों के लिए काव्य चिकित्सा की जाती थी।<br /><br />काव्य के छह प्रयोजनों में एक प्रयोजन असाध्य बीमारियों से छुटकारे का भी है।<br /><br />कवियों ने असाध्य रोगों के लिए स्वयं पर परिक्षण किए :<br /><br />— कवि मयूर ने कुष्ठ रोग दूर किया सूर्य स्तुति द्वारा।<br />— कवि तुलसी ने बाहू पीड़ा दूर की 'हनुमानबाहुक' लिख कर।प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-66629900890004810392011-03-15T21:28:50.579+05:302011-03-15T21:28:50.579+05:30आभार जानकारी के लिए.आभार जानकारी के लिए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-41050442579804723392011-03-15T21:23:32.689+05:302011-03-15T21:23:32.689+05:30Bahut upyogi jankari...Bahut upyogi jankari... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-60791322445657616382011-03-15T18:53:39.794+05:302011-03-15T18:53:39.794+05:30Shukriya.
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पैरों तले जमीन खिसक जाए!
क्या ...Shukriya.<br />---------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">पैरों तले जमीन खिसक जाए!</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या इससे मर्दानगी कम हो जाती है ?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8457042010170320681.post-61716392412751272702011-03-15T16:05:04.604+05:302011-03-15T16:05:04.604+05:30तैराकी अच्छा व्यायाम है। संभव न हो तो रोज सुबह टहल...तैराकी अच्छा व्यायाम है। संभव न हो तो रोज सुबह टहलें और हाथों का व्यायाम करें।..उम्दा पोस्ट।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com