मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

हलासन है यौवन का रहस्य

वर्तमान समय में अनियमित खानपान व दिनचर्या के कारण समय से पहले बाल सफेद होना, कम उम्र में झुर्रियां आ जाना या अन्य ऐजिंग साइन एक आम समस्या है। ऐसे में दवाईयां या एंटीएंजिंग क्रीम युज करना काफी नहीं होगा। अगर आप वाकई लंबे समय तक जवान बने रहना चाहते हैं।अगर चाहते है कि अस्सी की उम्र में भी आपके शरीर में अठारह सी फूर्ति रहे तो नीचे लिखे योगासन को नियमित रूप से करें। 

हलासन विधि - 
समतल जमीन पर आसन बिछाएं। आसन पर शवासन में लेट जाएं। श्वांस को अंदर भरकर दोनों पैरों को एक साथ ऊपर की और उठाना प्रारंभ करें। पैरों को ऊपर उठाते हुए सर्वांगासन में आइये, फिर पैरों को सिर के पीछे तक झुकाते हुए जमीन से स्पर्श कराइये। दोनों पैरों को घुटनों से न मुडऩे दें। पैरों को सीधा रखें। दोनों हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ लें। हाथों की कोहनी को सीधा रखें। कुछ क्षण इसी तरह रुकने के बाद, सामान्य रूप से शवासन में आ जाइये। शरीर के तनाव को मिटाने के लिये आसन के अंत में कुछ देर शवासन में रहें। 

लाभ - 
यह आसन थायराइड ग्रन्थि को प्रभावित करता है। इस आसन के करने से कण्ठकूपों पर दवाब पड़ता है जिससे थाइराइड़ संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। भावनात्मक संतुलन और तनाव निवारण के लिये यह आसन लाभप्रद है। इससे मेरुदण्ड लचीला बनता है जिससे आप लंबे समय तक जवान बने रहेंगे। इस आसन से पाचन तंत्र और मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। इसके अभ्यास से पाचन तंत्र ठीक रहता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से विशुद्ध चक्र जाग्रत होता है। गले और वाणी से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं। 

हलासन के अभ्यास से मन शांत और स्थिर होता है, तनाव दूर होता है। इसके नियमित अभ्यास से प्राण सूक्ष्म होकर सुषुम्ना नाड़ी में प्रवाहित होने लगता है।इसे करने से मन, आनंद और उत्साह से भरा रहता है तथा शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है। साथ ही प्रतिदिन सुबह उठने के बाद खाली पेट एक चम्मच च्यवनप्राश लेना चाहिए। इसके बाद दूध पीएं। इसी तरह रात को सोने से पहले एक चम्मच च्यवनप्राश लें और फिर दूध पीएं। रोज अनार व चुकंदर का भी सेवन करें। खूब पानी पीएं। छ: से आठ घंटे गहरी नींद लें। घृतकुमारी के ज्यूस का नियमित रूप से सेवन करें। सदा जवान बने रहने के लिए आयुर्वेद में हरड़ को भी वरदान माना गया है(दैनिक भास्कर,उज्जैन,16.12.11)।

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा आसान है ।
    हालाँकि कमर के रोगों में करना शायद सही नहीं रहेगा ।
    लेकिन थायरायड के रोगों का इससे न तो कोई सम्बन्ध है न समाधान ।

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  2. अच्छी जानकारी आभार !

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  3. बड़े काम की जानकारियां दे दी है आपने ......

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  4. बहुत ही अच्छी जानकारी!!

    शानदार प्रस्तुतिकरण!! स्वास्थ्य से सम्बंधित यह प्रयास निश्चित ही साधुवाद योग्य है।

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  5. Bahut achhee jaankaaree hai.Mai swayam halasan niymit roopse kartee hun.

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